उत्तराखंड के जंगलों में आग लगने की कई घटनाएं सामने आ रही हैं। पिछले साल भी उत्तराखंड के जंगलों में आग की कई घटनाएं आई थी। वहीं तमाम कोशिशों के बावजूद कुमाऊं में जंगलों की आग नहीं थम रही है। अल्मोड़ा के पांडेखोला से सटे जंगल में लगी आग रिहायशी इलाके तक पहुंच गई है। और बागेश्वर में वनाग्नि की 140 घटनाओं में 198 हेक्टेयर जंगल जल चुका है।
अब सिर्फ बारिश की आस!
कुंभ ड्यूटी के चलते कर्मियों की कमी के बीच इन दिनों बढ़ती वनाग्नि की घटनाएं मुसीबत बनती जा रही है। लोगों को अब बारिश की आस है तभी जाके आग पर पूरी तरह से काबू पाया जा सकता है। जंगलों से उठ रहे धुएं के कारण वातावरण में चारों तरफ धुंध फैल गई है। जिससे लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है।
रिहायशी इलाके की ओर बढ़ रही आग
नगर से सटे पांडेखोला में अचानक जंगल धधक गए। और आग की लपटें तेजी से रिहायशी इलाके की ओर बढ़ने लगीं। फायर ब्रिगेड ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। लेकिन कुछ ही देर में इलाके में फिर से आग भड़क गई।
वहीं बागेश्वर जिले के तीनों विकासखंडों में जंगल धधक रहे हैं। वन विभाग की तमाम कोशिशों के बावजूद आग पर काबू पाने में असफल साबित हो रही है। विभाग ने 29 क्रू स्टेशनों में 180 से अधिक फायर वॉचर तैनात किए हैं। कर्मचारियों की छुट्टियों पर भी रोक लगी है। इसके बाद भी वनाग्नि की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही।
अधिकारियों की छुट्टियों पर रोक
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के निर्देश पर वन विभाग के सभी अधिकारियों की छुट्टियों पर रोक लगा दी गई है। सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को अपने कार्यक्षेत्र में बने रहने को कहा गया है। वहीं प्रदेश में तैनात किए गए फायर वॉचर्स को 24 घंटे निगरानी करने के निर्देश दिए गए हैं।