उत्तराखंड राज्य इस वक्त प्राकृतिक आपदा का दंश झेल रहा है, ऐसे में चमोली में हुए हादसे के बाद राज्य सरकार जन-जीवन की सुरक्षा के लिए हर सम्भव प्रयास कर रही रहे है। इसी मद्देनजर सूबे के चार जिलों के अत्यधिक संवेदनशील प्रभावित गांवो के परिवारों को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सुरक्षित स्थानों पर विस्थापन और पुनर्वास की अनुमति दी है।
बता दें कि बागेश्वर जिले के तहसील कपकोट के अंतर्गत अत्यधिक संवेदनशील ग्राम मल्लादेश के चार परिवारों के आवासीय भवनों को पहुंचने वाले सम्भावित खतरे को देखते हुए पुनर्वास किए जाने के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री ने अनुमोदित कर दिया है। इसके लिए आपदा प्रबंधन की ओर से भेजे गए प्रस्ताव के अनुसार मानक मदों के अनुसार धनराशि भी जारी करने की मंजूरी दी है।
इसके अलावा चमोली जिले के तहसील थराली के आपदा प्रभावित ग्राम फल्दिया गांव के 12 परिवारों को भी दूसरे सुरक्षित स्थान पर पुनर्वासित किए जाने के लिए 51 लाख की धनराशि के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री ने सहमति दे दी है। गौरतलब है कि पुनर्वास नीति के तहत प्रति परिवार भवन निर्माण के लिए 4 लाख रुपए, गौसाला निर्माण के लिए 15 हजार और विस्थापन भत्ते के रूप में 10 हजार रुपए की संस्तुति की गई है।
वहीं चमोली जिले के ही तहसील गैरसैंण के संवेदनशील ग्राम सनेड लगा जिनगोडा के प्रभावित परिवार को भी पुनर्वास के लिए चिन्हित किया गया है।
साथ ही उत्तरकाशी के तहसील डूंडा के बेहद संवेदनशील ग्राम अस्तल के 30 प्रभावित परिवारों को भी सुरक्षित स्थान पर विस्थापित किए जाने के लिए मुख्यमंत्री रावत ने 1 करोड़ 25 लाख 10 हजार की राशि के प्रस्ताव को सहमति दी है।