अल्मोड़ा से निर्मल उप्रेती की रिपोर्ट
उत्तराखंड: उपभोक्ताओं को अच्छी स्पीड मिल सके इसके लिए देश में 5जी टेक्नोलॉजी पर कम चल रहा है। लेकिन पहाड़ के कुछ ऐसे भी इलाके हैं जहां पर आज भी मोबाइल में नेटवर्क नहीं आता है। लोगों को पहाड़ की चोटियों पर चढ़ना पड़ता है तब जाकर काम होता है।
हम बात कर रहे हैं अल्मोडा जिले की चुखुटिया तहसील के गड़स्यारी गांव की, जहां पर आज भी लोग संचार सेवा की बदहाली से जूझ रहे हैं। कोरोना काल में बच्चों को ऑनलाइन क्लास करनी होती है। लेकिन गांव में नेटवर्क नहीं आता है जिससे बच्चों को नेटवर्क की तलाश में पहाड़ की चोटियां पर जाना पड़ता है। तब जाकर उनके मोबाइल में नेटवर्क आता है। यही नहीं ग्रामीणों को अपने करीबियों का हालचाल लेने के लिए भी काफी मशक्कत का सामना करना पड़ता है। अब गांव के प्रधान ने पीएम को पत्र लिखकर मदद की गुहार लगाई है।
बच्चे पहाड़ पर या जंगलों में ऑनलाइन क्लास करने के लिए जाते हैं। ऐसे में उनको जंगली जानवरों का भी खतरा रहता है। गांव के ग्राम प्रधान दिवाकर चौधरी ने अब गांव में संचार सेवा को दुरुस्त करने के लिए प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। उन्होंने पीएम से गांव में टावर लगवाने और केबिल लाइन बिछाने की मांग की है। दिवाकर ने बताया कि कई बार स्थानीय प्रशासन से मदद के लिए गुहार लगाई लेकिन सुनवाई नहीं हुई। स्थानीय प्रशासन के द्वारा सुनवाई नहीं होने पर दिवाकर चौधरी ने अब प्रधानमंत्री से इस समस्या के निदान के लिए गुहार लगाई है।
ग्राम प्रधान दिवाकर चौधरी का कहना है कि, गांव में संचार की बदहाली के कारण फोन में नेटवर्क नहीं आता है। जिस कारण बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई के लिए जंगलों चोटियों पर जा रहे हैं, जिससे जंगली जानवरों का भी खतरा बना हुआ है। कई बच्चे बसभीड़ा आदि स्थानों पर खेतों में या सड़क किनारे पढ़ाई करने को मजबूर हैं।