वृंदावन: वृंदावन कुंभ में यमुना तट पर देश भर से आए वैष्णव संतों की भक्ति साधना के अनेक रूप देखने को मिल रहे हैं। यहां आने वाले श्रद्धालुओं को संतों का भक्तिमय स्वरूप भी आकर्षित कर रहा है।
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वृंदावन कुंभ में नौ मार्च को दूसरा शाही स्नान है और इससे पहले यहां संतों और श्रद्धालुओं का तांता लगना जारी है। वहीं, कुंभ मेला स्थित ब्राह्मण सेवा संघ के शिविर में श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ किया गया। इस श्रृंखला में व्यास आसन से आचार्य पंडित सुरेश चंद शास्त्री ने कहा कि, मन, वाणी और कर्म द्वारा हमेशा सत्य का आश्रय लेने वाला ही परमात्मा का सच्चा भक्त होता है।
‘संसार में केवल ईश्वर सत्य है’
उन्होंने कहा कि, श्रीमद् भागवत से हमें शिक्षा मिलती है कि संसार में सब मिथ्या ही है, केवल एक मात्र ईश्वर ही सत्य है। उन्होंने भगवान के 24 अवतारों की कथा का वर्णन करते हुए कहा कि, परमात्मा का अवतार धर्म की स्थापना एवं आसुरी प्रवृत्तियों का अंत करने के लिए हुआ। आचार्य सुरेश शास्त्री ने कहा, प्राणी को अपना लक्ष्य प्राप्त करना है तो परम पिता परमात्मा की शरण में जाना होगा।
ब्राह्मण सेवा संघ शिविर में जहां एक ओर आध्यात्म की रस धारा प्रवाहित हो रही है तो वहीं परिसर स्थित मंदिर में विराजमान श्री बांके बिहारी जी महाराज के नित नए श्रृंगार के दर्शन से श्रद्धालु मोहित रहे हैं। शिविर संयोजक पंडित सत्यभान शर्मा ने बताया कि शिविर में प्रसिद्ध विद्वान आचार्य बनवारी लाल गौड़ के आचार्यत्व में 11 विद्वान ब्राह्मणों द्वारा लक्ष्मी नारायण महायज्ञ का शुभारंभ भी ब्राह्मण सेवा संघ के अध्यक्ष आचार्य आनंद बल्लभ गोस्वामी एवं कार्ष्णि नागेंद्र की प्रथम आहुति से प्रारंभ हुआ है।
इस अवसर पर ब्राह्मण सेवा संघ के संस्थापक चंद्र लाल शर्मा, कार्ष्णि नागेंद्र, आनंद द्विवेदी, पंडित जगदीश नीलम, चंद्र प्रकाश द्विवेदी, अविनाश शर्मा, लाला व्यास गोवर्धन, शिव प्रसाद तिवारी, चैतन्य गौड़, अंकुश मिश्रा आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।