लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जल्द ही अपना वित्तीय बजट 22 फरवरी को पेश करने वाली है, जिसमें प्रदेशवासियों को बड़ी खुशखबरी मिलने वाली है। इस बजट में राज्य सरकार असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा का बीमा कवच दे सकती है।
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इस बीमा रूपी कवच असंगठित क्षेत्र के मजदूरों और उनके आश्रितों को दुर्घटना की अनहोनी से सुरक्षा प्रदान करेगा। प्रदेश सरकार अपने बजट में मुख्यमंत्री दुर्घटना बीमा योजना की घोषणा कर सकती है। साथ ही असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के जरिए हेल्थ सिक्योरिटी भी देने की तैयारी है। योगी सरकार की योजना है कि अगले वित्तीय वर्ष में राज्य के एक करोड़ असंगठित मजदूरों को इन योजनाओं के दायरे में लाकर इनका लाभ दिया जाए।
बीमा योजना में क्या मदद मिलेगी?
यूपी सरकार की मुख्यमंत्री दुर्घटना बीमा योजना के अंतर्गत पंजीकृत मजदूरों की दुर्घटना में मौत, पूर्ण दिव्यांगता, दोनों हाथ और पैर, दोनों आंखों की क्षति होने पर दो लाख रुपए की आर्थिक मदद दी जाएगी। वहीं, एक हाथ या एक पैर या एक आंख की क्षति या 50 फीसदी से अधिक स्थायी दिव्यांगता पर एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता मिलेगी। इसके अलावा 25 से 50 फीसदी के बीच स्थायी दिव्यांगता पर पीड़ित को 50 हजार रुपये की बीमा राशि मिलेगी। इसके लिए बीमा कंपनी को हर साल 12 रुपये प्रति श्रमिक की दर से प्रीमियम देना होगा, जिसका वहन राज्य सरकार करेगी।
मुख्यमंत्री जन आरोग्य के बारे में
वहीं, योगी सरकार प्रदेश के आयुष्मान योजना से छूटे पात्र लाभार्थियों के लिए मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना लाने जा रही है। इस योजना का लाभ भी असंगठित क्षेत्र के पंजीकृत मजदूरों को देने की मंशा है। इस योजना के तहत पंजीकृत मजदूरों को गंभीर बीमारी व काम के दौरान चोट लगने की स्थिति में दस हजार रुपए से पांच लाख रुपये तक की चिकित्सा सुविधा दी जा सकती है।
कैसे मिलेगा योजनाओं का लाभ?
यूपी सरकार की इन दोनों योजनाओं का लाभ तभी मिलेगा, जब असंगठित क्षेत्र के मजदूर का उत्तर प्रदेश राज्य सामाजिक सुरक्षा बोर्ड में पंजीकरण होगा। यानी श्रमिकों को यूपी राज्य सामजिक सुरक्षा बोर्ड में पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। इसके लिए सामाजिक सुरक्षा बोर्ड पोर्टल तैयार कर रहा है, जिससे श्रमिक ऑनलाइन पंजीकरण करा सकेंगे। इस पोर्टल की शुरुआत विधानमंडल के बजट सत्र के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ के हाथों से ही कराने की तैयारी है। फिलहाल, असंगठित क्षेत्र के कामगारों का ऑफलाइन पंजीकरण शुरू हो चुका है। आपको बता दें कि इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते साल जून में असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को सामाजिक आर्थिक सुरक्षा उपलब्ध कराने के उपाय सुझाने के लिए वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना की अध्यक्षता में समिति गठित करने का निर्देश दिया था।