लखनऊ: प्रदेश में कई ऐसे शहर हैं जहां सार्वजनिक स्थलों और सड़क पर अत्यधिक अतिक्रमण देखने को मिलता है। इसका असर यातायात व्यवस्था पर भी पड़ता है। इस अव्यवस्था के पीछे का कारण कई बार धार्मिक स्थल भी होते हैं।
हटेंगे ऐसे सभी धार्मिक स्थल
इस तरह के सभी अतिक्रमण पर नजर रखने के लिए अधिकारियों को कहा गया है। इसके साथ ही तय समय सीमा के अंदर इस पर एक्शन लिए जाने की बात कही गई। इस प्रक्रिया में राजमार्ग, सड़क, गलियां सभी को ध्यान में रखा जाएगा।
इस सिलसिले में प्रशासन ने सभी मंडलायुक्त और जिलाधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं। प्रशासन की तरफ से कहा गया है कि सड़क के किनारे अब किसी भी तरह की धार्मिक संरचना का निर्माण नहीं होगा, ऐसा करने की अनुमति भी नहीं दी जाएगी।
जनवरी 2011 से पहले का निर्माण हटेगा
यह पूरा एक्शन हाईकोर्ट के आदेश के बाद लिया जा रहा है। जनवरी 2011 के बाद सभी ऐसे निर्माण जो अतिक्रमण की श्रेणी में आते हैं, उन्हें तत्काल प्रभाव से हटाए जाने की बात कही जा रही है। इस मामले में जिलाधिकारी जल्दी ही रिपोर्ट अपर मुख्य सचिव गृह को सौंपेंगे।
उस दिन पहले हाईकोर्ट ने इस मामले में आदेश जारी किया था। इसमें कहा गया था कि सड़क के किनारे अतिक्रमण कर बनाए गए सभी धार्मिक स्थलों को हटाया जाए। ऐसी कोई भी संरचना जो यातायात व्यवस्था को प्रभावित कर रही है, उस पर एक्शन लिया जाएगा।
इस सिलसिले में उस धार्मिक स्थल के अनुयाई या प्रबंधन कर रहे लोगों से भी बातचीत करके स्थल को स्थानांतरित करने की बात कही गई। जिस जमीन पर धार्मिक संरचना को स्थानांतरित किया जाएगा, वह उसी समुदाय की जमीन होगी। ऐसे में किसी भी तरह की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा।