प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के प्रमुख एवं सपा विधायक शिवपाल यादव एक बार फिर बगावती तेवर में दिखाई दे रहे है। जानकारी के मुताबिक सपा विधायकों की बैठक में बुलाए ना जाने की वजह से शिवपाल यादव नाराज हो गए हैं। ऐसे में एक बार फिर से मुलायम सिंह यादव की कुर्बानी की जंग दोबारा शुरू होने की संभावना बढ़ने लगी है।
सपा विधायकों की थी बैठक : सपा
इसी कारण से शिवपाल यादव लखनऊ से इटावा चले गए। जबकि सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम का कहना है विधायकों की यह बैठक केवल सपा की ही थी। इसमें सहयोगी दल आरएलडी, जनवादी पार्टी, महान दल, सुभासपा, प्रसपा के किसी भी विधायक को नहीं बुलाया गया था। योगी दल के सभी सदस्यों के साथ 28 मार्च को बैठक होगी। इस बैठक में शिवपाल यादव समेत सभी सहयोगियों को बुलाया जाएगा।
हालांकि शिवपाल यादव का कहना है कि वह सपा पार्टी के विधायक है और इस नाते वह बैठक के आमंत्रण के लिए 2 दिन से इंतजार कर रहे थे। और जब उन्हें न्योता नहीं मिला तो वह चले गए। ऐसे में अब वह अपने अगले कदम का जल्द ऐलान कर सकते हैं। जबकि सपा की दलील है कि शिवपाल यादव सहयोगी दल के नेता है।
बैठक में ना बुलाने पर शिवपाल यादव हुए नाराज
शिवपाल यादव ने कहा कि उन्हें विधायक दल की बैठक में आखिर क्यों नहीं बुलाया गया? इसका जवाब राष्ट्रीय नेतृत्व ही सही प्रकार से दे सकता है। सभी विधायकों को फोन किया गया लेकिन मुझे कोई फोन नहीं आया है मैंने बैठक में शामिल होने के लिए अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए थे मैं सपा में सक्रिय हूं पार्टी से विधायक हूं फिर भी मुझे नहीं बुलाया गया उन्होंने आगे कहा कि पार्टी में हार की समीक्षा होनी चाहिए।
महाभारत की बातें दोहराने लगें शिवपाल यादव
शिवपाल यादव ने आगे कहा कि अपने पराए में भेद नहीं हो पाता तब महाभारत होती है दुर्योधन की बजाय युधिष्ठिर चटनी के साथ जुआ खेलने लगे यहीं से उनकी हार हो गई सपा विधायकों में उनकी सबसे बड़ी जीत हुई है इससे उनकी लोकप्रियता का अंदाजा लगाया जा सकता है।