उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रदेश के 32 शहरों में रिवरफ्रंट वितरित करने का फैसला लिया है। सीएम योगी के प्लान के तहत प्रदेश की बड़ी नदियां जैसे गंगा, गोमती, यमुना, सरयू के साथ ही छोटी-छोटी नदियों के किनारे बसे शहरों में भी रिवर फ्रंट बनाई जाएगें।
हालांकि ये मास्टर प्लान पूरी तरीके से तैयार नहीं है। इस मास्टर प्लान को तैयार करने की जिम्मेदारी मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग को सौंपी गई है, इस प्लान के तहत नदियों के किनारे खूबसूरत बनाए जाएंगे। जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
कैसे काम करेगी रिवरफ्रंट योजना
- नदियों व नदियों के आसपास के क्षेत्र में गंदगी को दूर कर सफाई की जाएगी।
- नदी के किनारों की खूबसूरती को बढ़ाने के लिए हरे भरे पार्क बनाए जाएंगे।
- टहलने के लिए पार्क में कि नारियों पर पथराव किया जाएगा।
- लोगों के बैठने के लिए खूबसूरत बेंच लगाए जाएंगे।
- साथ ही नदी के किनारे जगह-जगह पर शैडो भी बनाए जाएगें।
- लोगों की आस्था को ध्यान में रखते हुए नहाने, पूजा पाठ के लिए घाट बनेगा
- पीने की पानी व सार्वजनिक शौचालय का भी इंतजाम किया जाएगा।
रिवर फ्रंट योजना के लिए किन शहरों का हुआ है चुनाव
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बनाई गई रिवर फ्रंट योजना के तहत प्रदेश की बड़ी नदियों के किनारे वह छोटी नदियों के किनारे बसे शहरों जैसे लखनऊ, इलाहाबाद, वाराणसी, आगरा, मथुरा, कानपुर, अयोध्या, गाजीपुर, मैनपुरी, जौनपुर, सुल्तानपुर, बहराइच, आजमगढ़, बलिया, मऊ, पीलीभीत, बदायूं, शाहजहांपुर, कन्नौज, बस्ती, देवरिया, गोरखपुर, झांसी, ललितपुर, इटावा, फर्रुखाबाद, फतेहपुर, मिर्जापुर, सीतापुर, मुगलसराय, रायबरेली सहित 32 शहरों का रिवर फ्रंट योजना के तहत चुनाव किया गया है।