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लखीमपुर खीरी हिंसा : प्रशासन और किसानों के बीच हुआ समझौता, 45-45 लाख मुआवजे पर बनी सहमति, जानिए क्या है पूरा मामला

lakhimpur kheri 1 लखीमपुर खीरी हिंसा : प्रशासन और किसानों के बीच हुआ समझौता, 45-45 लाख मुआवजे पर बनी सहमति, जानिए क्या है पूरा मामला

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में रविवार को भड़की हिंसा में अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है। आरोप है कि  राज्य गृहमंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की कार ने प्रदर्शन कर रहे किसानों को रौंद दिया, जिससे 4 लोगों की मौत हो गई। जिसके बाद हिंसा भड़क गई और इसमें चार अन्य और लोगों की मौत हो गई। इस बवाल के बाद पूरे मामले ने सियासत में तेजी ला दी और पूरा मामला गंभीर होता गया। इसके बाद विपक्षी पार्टियों में राज्य गृह मंत्री अजय मिश्रा और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के इस्तीफे की मांग उठने लगी। तो आइए जानते हैं लखीमपुर खीरी हिंसा में अभी तक क्या-क्या हुआ और इस हिंसा के पीछे की क्या है वज़ह….

क्यों शुरू हुआ विवाद

उत्तर प्रदेश सरकार में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य रविवार को अपने तय कार्यक्रम के अनुसार लखीमपुर दौरे पर थे। उपमुख्यमंत्री को रिसीव करने के लिए कई गाड़ियां जा रही थी बताया जा रहा है यह गाड़ियां राज्य गृह मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की थी। रास्ते में तिकुनिया इलाके में किसान नेताओं ने प्रदर्शन कर रहे थे। जहाँ मंत्री और किसानों में झड़प शुरू हो गई। इसके बाद आरोप लगाया गया कि राज्य गृह मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा ने किसानों के ऊपर गाड़ी चढ़ा दी। जिससे मौके पर ही 4 किसानों की मौत हो गई। किसानों की मौत होने के बाद मामला और बढ़ गया और हिंसा भड़क गई जिसके बाद इस हिंसा में बीजेपी नेता के ड्राइवर समय चार अन्य लोगों की मौत हो गई।

भड़की हिंसा में किसकी हुई मौत

हिंसा भड़कने के कारण एक स्थानीय पत्रकार रमन कश्यप समेत अन्य 8 की मौत हुई। जिसमें 32 वर्षीय दलजीत सिंह(किसान), 20 वर्षीय गुरविंदर सिंह (किसान), 20 वर्षीय लवप्रीत सिंह (किसान), छत्र सिंह पुत्र अज्ञात (किसान), शुभम मिश्र पुत्र विजय कुमार मिश्र, (बीजेपी नेता), हरिओम मिश्र पुत्र परसेहरा, फरधान (अजय मिश्रा का ड्राइवर) और श्यामसुंदर पुत्र बालक राम सिंघहा, कलां सिंगाही (बीजेपी कार्यकर्ता) की मौत हुई है। साथ ही एक अन्य की मौत आज हुई है।

लखीमपुर खीरी हिंसा के बाद क्या हुआ?

लखीमपुर खीरी हिंसा के बाद प्रदेश की हालत बेहद नाजुक थे और इन नाजुक हालातों को बिगड़ने ना देने की वजह से प्रशासन ने इंटरनेट सेवा को बंद कर दी। साथ ही लखीमपुर खीरी में धारा 144 लागू कर दी। और मामले को शांत करने के लिए राज्य गृह मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा के खिलाफ तिकुनिया थाने में केस दर्ज कर दिया गया है।

राज्य गृह मंत्री और उनके बेटे आशीष मिश्रा ने आरोप पर क्या कहा ? 

राज्य गृह मंत्री व केंद्रीय कैबिनेट मंत्री अजय मिश्रा ने अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि लोगों के काफ़िले ने उन पर हमला कर दिया था। जिससे ड्राइवर समेत हमारे तीन कार्यकर्ताओं की मौत हो गई। साथ ही इस काफिले ने गाड़ी में आग लगा दी। अजय मिश्रा का कहना है कि वह भी इस मामले पर केस दर्ज करवाएंगे।

वही आशीष मिश्रा ने अपने ऊपर लगे आरोपों पर सफाई देते हुए कहा है कि वह रविवार सुबह 9:00 बजे बनवानीपुर में थे। उन्होंने कहा कि एक कार्यक्रम के लिए प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की अगवानी के लिए हमनें तीन गाड़ियां भेजी थी। जिस पर रास्ते में बदमाशों ने पथराव किया और कार को आग लगा दी। जिससे ड्राइवर समेत 4 कार्यकर्ताओं की मौत हो गई।

सीएम योगी ने क्या कहा

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हिंसा को दुखद व दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। सीएम योगी ने ट्वीट करते हुए कहा लखीमपुर खीरी में हुई यह घटना दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है और इस घटना का जो भी आरोपी है उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।

प्रशासन और किसानों के बीच हुआ समझौता

लखीमपुर हिंसा के बाद से ही प्रशासन व किसानों के बीच में चल रहे टकराव में चल रहा टकराव अब समझौते में तब्दील हो चुका है। इस समझौते के तहत प्रशासन ने मृत लोगों के परिजनों को ₹45 लाख मुआवजे के तौर पर व हिंसा में घायल लोगों को 10 लाख की सहायता राशि, साथ ही परिवार के एक परिजन को सरकारी नौकरी देने का फैसला किया है। और मामले की पूरी जांच हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में किए जाने का आश्वासन दिया।

विपक्ष की क्या रही स्थिति

हालातों पर काबू पाने के लिए प्रशासन ने पूरे क्षेत्र में धारा 144 लागू कर दी थी हालांकि हिंसा की खबर सुनते ही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा लखनऊ पहुंची और वहां से लखीमपुर खीरी के लिए रवाना हो गई लेकिन प्रियंका गांधी वाड्रा लखीमपुर खीरी पहुंचते ही प्रियंका को हिरासत में ले लिया और सीतापुर गेस्ट हाउस में उन्हें ठहराया गया।

वहीं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी सुबह लखीमपुर खीरी के लिए रवाना हुए लेकिन पुलिस ने उन्हें भी रोक दिया इसके बाद अखिलेश यादव सड़क पर बैठकर धरना प्रदर्शन करने लगे। अखिलेश ने कहा कि सरकार  किसानों पर जैसा जुल्म कर रही है वैसा जुल्म अंग्रेजों ने भी नहीं किया था। साथ ही उन्होंने राज्य गृह मंत्री अजय मिश्रा और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के इस्तीफे की मांग भी की। जिसके बाद पुलिस ने अखिलेश यादव को भी हिरासत में ले लिया।

इसी के साथ ही प्रशासन ने छत्तीसगढ़ और पंजाब के मुख्यमंत्री के लखनऊ आने पर भी रोक लगा दी।

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