परिवार के सदस्य में मतभेद होना, फूट पड़ना, अनबन होना कोई नई बात नहीं है हां लेकिन परिवार का मुखिया हमेशा यही कोशिश करता है कि उसके बेटों बहुओं और अन्य सदस्यों में तालमेल बना रहे। लेकिन जैसे ही परिवार का मुखिया एक बेटे को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर देता है या यूं कहें जब मुखिया का झुकाव किसी एक बेटे की तरह अधिक हो तब परिवार में अनबन शुरू हो जाती है। कुछ ऐसे ही कहानी उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की परिवार की।
परिवारिक अनबन का भाजपा को मिला फायदा
उत्तर प्रदेश में जिन दिग्गज नेताओं ने समाजवादी पार्टी की नींव रखी। आज उसी पार्टी की नींव लगी है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव जी छोटी बहू अपर्णा यादव ने भगवा दल भाजपा का दामन थाम लिया है। हालांकि सियासत में सेंधमारी का यह कोई पहला मामला नहीं है। लेकिन यूपी चुनाव से महज कुछ सप्ताह पहले इस प्रकार का घटनाक्रम पार्टी की छवि बनाने और बिगाड़ने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका रखता है। इसी बीच भाजपा के कई नेता व कार्यकर्ता चुटकी लेते हुए कह रहे हैं कि जब अखिलेश यादव अपना परिवार नहीं संभाल सकते तो वह यूपी का संभालेंगे? दिलचस्प बात यह है की ये सब उस वक्त हुआ है जब यूपी चुनाव को लेकर अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी के साथ हाई जोश में दिखाई दे रहे हैं। साथ ही हाल ही में भाजपा को कई तगड़े झटके लगते हुए कई नेताओं ने सपा का था दामन भी थामा है।
सीएम योगी ने अपर्णा यादव का भाजपा में किया स्वागत
वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री और उत्तर प्रदेश से मुख्यमंत्री चेहरा योगी आदित्यनाथ ने मुलायम सिंह की छोटी बहू अपर्णा यादव का भारतीय जनता पार्टी में स्वागत किया| साथ ही उनके साथ अपने अधिकारिक टि्वटर हैंडल पर फोटो साझा करते हुए लिखा है कि “अपर्णा जी का भाजपा परिवार में स्वागत है”
अपर्णा जी का भाजपा परिवार में स्वागत है… pic.twitter.com/0fSYXJgMXI
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) January 19, 2022
कई दिनों से अपर्णा यादव की भाजपा में शामिल होने की थी खबर
हालांकि अपर्णा यादव के भाजपा में शामिल होने को लेकर काफी दिनों से खबर चल रही थी। ऐसे में यह घटना कोई अप्रत्याशित घटना नहीं है। आपको बता दें 2017 में विधानसभा चुनाव के वक्त अपर्णा यादव समाजवादी पार्टी की ओर से लखनऊ कैंट सीट से उम्मीदवार बनी थी। लेकिन उन्हें भाजपा की प्रत्याशी रीता बहुगुणा से हार का सामना करना पड़ा।
अपर्णा यादव को लखनऊ कैंट से मिलेगी सीट?
ऐसे में चर्चा यह है कि अपर्णा यादव को लखनऊ कैंट विधानसभा सीट से सीट मिल सकती है। हालांकि अभी तक भाजपा नेतृत्व की ओर से इस बात की कोई पुष्टि नहीं की गई है, और ना ही ऐसी कोई शर्त रखी गई है।
वही भाजपा की सदस्यता लेते हुए अपर्णा यादव ने कहा कि “मैं हमेशा प्रधानमंत्री से प्रभावित रही हूं और स्वच्छ भारत मिशन या महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए किए गए कार्यों के बारे में बात की है। मेरे लिए राष्ट्र प्राथमिकता है और अब राष्ट्र निर्माण के पथ पर एक नई यात्रा शुरू हुई है।”
परिवार की ओर से पार्टी में रहने की दी गई थी सलाह
आपको बता दें इससे पहले मुलायम परिवार की ओर से बहू अपर्णा यादव को पार्टी लाइन में काम करने की सलाह दी गई थी और आगे मेहनत करने के लिए कहा गया है। लेकिन अपर्णा यादव पहले से ही मन बना चुकी थी कि उन्हें भाजपा में शामिल होना है और अक्सर अपर्णा यादव भाजपा सरकार की योजनाओं व विकास की गति की हमेशा तारीफ करती हुई दिखाई दी है। यहां तक कि उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए 11 लाख रुपए दान दे दिए थे।