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यूपी सरकार की मंत्री कमलरानी का कोरोना से निधन

कोरोना

योगी आदित्यनाथ सरकार में प्राविधिक शिक्षा मंत्री कमलरानी वरुण का रविवार को निधन हो गया। बता दे कि यूपी सरकार की मंत्री कोरोनावायरस संक्रमण के चलते लखनऊ के संजय गांधी पीजीआई में भर्ती थी। आपको बता दें कि निधन की पुष्टि संजय गांधी पीजीआई के सीएमएस डॉ अमित अग्रवाल ने की है। मंत्री कमल रानी और उनके निधन की सूचना मिलते ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने आज का अपना अयोध्या और बाराबंकी का दौरा स्थगित कर दिया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर मंत्री परिषद की बैठक की थी जिसमें मंत्री कमल रानी वरुण को श्रद्धांजलि दी गई।

सीएमएस डॉ अमित अग्रवाल ने दी निधन की सूचना

संजय गांधी पीजीआई के सीएमएस डॉ अमित अग्रवाल ने सूचना दी कि प्राविधिक शिक्षा मंत्री कमल रानी वरुण को सीवियर कोविड-19 निमोनिया हो गया था। इस वजह से में है एक्यूट रेस्पिरेट्री डिस्ट्रेस सिंड्रोम में चली गई थी। पीजीआई के डॉक्टरों ने उन्हें बचाने का बहुत प्रयास किया। लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। कोरोना के लिए निर्धारित रेमदेसीविर समेत अन्य निर्धारित दवाई उन्हें लगातार दी जा रही थी फिर भी उनके स्वास्थ्य में किसी प्रकार का सुधार नहीं हो रहा था। जिसके चलते उन्होंने रवुवार सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली।

कोरोना के साथ मंत्री को थी कई बीमारियां

इसके साथ ही उन्होंने बताया कि मंत्री कमल रानी को पहले से ही डायबिटीज हाइपरटेंशन व थायराइड की बीमारियां थी उनका ऑक्सीजन लेवल में काफी कम हो गया था हालांकि शुरुआती 10 दिनों में उनकी हालत स्थिर रही लेकिन पिछले कुछ दिनों से अचानक स्थिति खराब होने लगी शनिवार की शाम करीब 6:00 बजे उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ने के बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया और रविवार सुबह 9:00 बजे उनका निधन हो गयामंत्री की बेटी भी कोरोना पॉजिटिव थी जो पूरी तरह ठीक हो गई

कमल रानी का राजनीतिक सफर

लखनऊ में 3 मई 1958 को जन्म लेने वाले कमल रानी वरुण का विवाह 25 मई 1975 को किशनलाल वरुण से हुआ था जो एलआईसी में प्रशासनिक अधिकारी थे। साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रतिबद्ध स्वयंसेवक थे। कमल रानी ने बूथ पर मतदाता पर्ची काटने से राजनीति की सीढ़ी चढ़ने शुरू की और सांसद और विधायक बनने के साथ प्रदेश की मंत्री तक का सफर तय किया। योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री पद पर काबिज हुई। बहू बनकर आई कमल रानी ने पहली बार 1977 के चुनाव में बूथ पर मतदाता पर्ची काटने के लिए घूंघट में घर की दहलीज पार की। कमल रानी ने एम. ए किया हुआ था साथ ही उनके पति ने उन्हें प्रोत्साहित किया जिसके चलते वह आरएसएस की मलिन बस्तियों में संचालित सेवा भारती के सेवा केंद्र में बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ गरीब महिलाओं को सिलाई, कढ़ाई और बुनई का प्रशिक्षण देने लगी। वर्ष 1989 में भाजपा ने शहर के द्वारिकापुरी वार्ड से कानपुर का पार्षद का टिकट दिया उसके बाद वह सभासद का चुनाव जीतकर नगर निगम पहुंची। उसके बाद कमल रानी 1995 में दोबारा उसी वार्ड से पार्षद चुनी गई। आरएसएस सेवा भारती के बाद सक्रिय राजनीति में कदम रखने वाली कमल रानी सभासद बनी। इसके बाद दो बार लोकसभा भी पहुंची और विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद उन्हें योगी आदित्यनाथ सरकार में प्राविधिक शिक्षा मंत्री बनने का गौरव हासिल हुआ।

विधायक को दी थी जन्मदिन की बधाई

आपको बता दें कि आज कानपुर के बिठूर से भारतीय जनता पार्टी के विधायक अभिजीत सिंह सांगा का जन्मदिन था। जिन्हें आज सुबह ही प्राविधिक शिक्षा मंत्री कमलरानी ने उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं भी दी। इसको लेकर अभिजीत सिंह ने कहा है कि उनका बधाई संदेश मिला था लेकिन उसके कुछ देर बाद ही उनके निधन की सूचना मिली। साथ ही उन्होंने कहा कि घाटमपुर विधानसभा सीट उनकी बिठूर विधानसभा सीट के ठीक बगल का क्षेत्र है इस क्षेत्र को उनके निधन से अपूरणीय हुई है।

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