उत्तर प्रदेशः माहे मुहर्रम यानी इस्लामिक नया साल का आगाज चांद देख कर शुरू होता हैं। जहां यह साल खुसिया लेकर आता हैं। तो वहीं यह महीना गमो से भरा हुया हैं। इस माह में हक़ और बातिल की लड़ाई हुयी थी। हज़रात इमाम हुसैन अपने 72 साथियों के साथ कर्बला में शहीद हुए थे। उनकी शहादत को लेकर पूरे आलम में हुसैनी नज़ारा देखने को मिलता हैं।
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इस्लाम के मानने वालो को अपने-अपने अनुसार उनकी याद मनाते हुए देखा जा सकता हैं। फतेहपुर जनपद में भी यादे हुसैन मनाने वालो की कमी नहीं। हुसैन की याद में पलंग उठाकर शिया हज़रात मातम करके हुसैनी गम मनाते नज़र आ रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ दूर दराज से लोग इस हुसैनी नज़ारा देखने के लिए यहां भारी संख्या में एकत्र होते हैं।
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फतेहपुर जनपद में यह पलंग उठाने का सिलसिला लगभग पांच सो साल पुराना हैं। इस बारे में जब पलंग के मुजावर से बात की गयी तो उन्होंने बताया की पलंग का रूप देकर हम लोग हुसैन को याद करते हैं और इस रूप देने का हमारा मक़सद इतना होता हैं की हुसैन के जनाजे को इसी पलंग में रख कर ले जाया गया होगा। इसी लिए हम लोग इसको पलंग का रूप देकर याद मनाते हैं।यह पलंग शहर की निम्न सड़को पर दिन भर घूमता हैं। और रात को मिलाप होने के बाद अपने मुकाम पर जाकर रखा जाता हैं।