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उप्रः फतेहपुर के हाई टेक, किसान ने की सिन्दूर की खेती

उप्रः फतेहपुर के हाई टेक, किसान ने की सिन्दूर की खेती

फतेहपुर के हाई टेक, किसान ने  सिन्दूर की खेती करके किसानो के लिए मिसाल पेश की है। धार्मिक एवं पौराणिक ग्रंथों में सौन्दर्यता को सुख और समृद्धि का प्रतीक माना गया है। प्रकृति ने धरती को हरा-भरा बनाने के साथ-साथ रंग-बिरंगी दुनिया बनाकर दुखमय जीवन में खुशियों का रंग बिखेरा है।लेकिन आधुनिक अर्थ युग में इंसान प्रकृति द्वारा प्रदत्त की गयी धरोहर के साथ खिलवाड़ कर रहा है। जिसकी वजह से उनके जीवन पर खतरा भी उत्पन्न हो रहा है।

 

उप्रः फतेहपुर के हाई टेक, किसान ने की सिन्दूर की खेती
उप्रः फतेहपुर के हाई टेक, किसान ने की सिन्दूर की खेती

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केमिकल युक्त रंग एवं सिंदूर आम जनमानस के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। वहीं सुहाग और सौभाग्य के प्रतीक के रूप में अपने माथे पर सिंदूर ग्रहण करने वाली मातृशक्ति नारी की सिरदर्द एवं चर्मरोग जैसी गंभीर बीमारियों से ग्रसित हो रही है। जबकि प्रकृति ने औषधिरूपी वृक्ष कुमकुम को उत्पन्न कर सौन्दर्यता प्रदान करने के प्रसाधन को प्रदान किया है।

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प्रकृति प्रेमी एवं समाजसेवी अशोक तपस्वी उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जनपद के तपस्वी नगर स्थित फार्म हाउस में कुमकुम के वृक्ष लगाकर किसानों को कुमकुम के पौधरोपित कर धनार्जन करने के लिए प्रेरित कर रहे है। उन्होने बताया कि कुमकुम लगाने से महिलाओं का मष्तिस्क ठंडा होने के साथ-साथ उनकी सौन्दर्यता में निखार पैदा करता है। वहीं सौन्दर्यता ही सच्चे आनंद की अनुभूति कराता है।

बनावटी और केमिकल युक्त सौन्दर्य प्रसाधन का प्रयोग कर नारी सिरदर्द, चर्मरोग, कमर दर्द जैसी बीमारियों की शिकार हो रही है। उन्होने कहा कि कुमकुम और चंदन जैसे औषधीय वृक्षों के नाम का लेबल लगाकर मिलावटखोर नकली और बनावटी क्रीम एवं अन्य सौन्दर्य प्रसाधन तैयार कर बाजारों में बेचते है जो मानव जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। किसान पेट भरने के लिए अनाज का उत्पादन करता है और सम्पूर्ण मानव समाज का पेट भरने के बाद भी भूख, कर्ज एवं रोग से ग्रसित होकर जीवन पर्यन्त दुख के बोझ तले दबा रहता है।

किसान अनाज उत्पादन के साथ-साथ औषधीय खेती कर अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत कर सकता है। उन्होने कहा कि कुमकुम, एलोवेरा, गुरिच, तुलसी जैसी औषधीय पौध लगाकर किसान ही नही आम इंसान भी थोड़ी सी जगह में इसका लाभ उठा सकते है।

पारुल सिंह

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