नई दिल्ली। किसानों की कर्जमाफी को लेकर योगी सरकार खुद ही अपनी पीठ थपथपा रही है और तारीफों के पुल बांध रही है। लोकिन किसानों को कर्जमाफी के जो दस्तावेज मिले हैं। उनको देखकर तो ये लग रहा है कि योगी सरकार ने कर्ज माफी के नाम पर किसानों के साथ मजाक किया है। कई किसानों को 10, 20, 50 और 100-200 रूपये का कर्ज माफ होने के सर्टिफिकेट मिले हैं। किसान राम सेवक जिस पर 1 लाख का करेज था उसे सिर्फ 10 रूपये 37 पैसे के कर्जमाफी का प्रमाणपत्र मिला है। वहीं एक किसान जिलेदार ने बैंक से एक लाख का करेज लिया था। यो किसान इटावा जिले के भर्थना तहसील का रहने वाला है। जब लेखपाल ने इन्हें कर्जमाफी का सर्टिफिकेट दिया तो मात्र 3 रूपये का था। ऐसे कई किसानों की लंबी लिस्ट है जिनके साथ कर्जमाफी के नाम पर मजाक किया गया है। सभी को 10, ये लेकर सिर्फ 200 रूपये कर्जमाफी के सर्टिफिकेट मिले है। ऐसे में किसानों को समझ नहीं आ रहा कि वो क्या करें और कहां जाएं।
बता दें कि सिर्फ कुछ नहीं बल्कि पूरे सुबे से इस तरह के मामले आ रहे हैं। जहां किसान कर्जमाफी के सर्टिफिकेट को लेकर परेशान है। जिस वक्त योगी सरकार ने किसानों के लिए कर्ज माफी का एलान किया था उस वकित किसानों की कुशी का ठिकाना नहीं था लेकिन आज वही किसान उसी कर्जमाफी को लेकर परेशान है। दिक्कत ये है कि कोई भी किसानों को सही बात नहीं बता रहा है एक मंत्री का कहना है कि तकनीकी चूक है। तो दूसरे का कहना है कि सब कुछ सही है जो रकम सर्टिफिकेट में दी हुई है वो रकम किसानों की बची हुई रकम है। वहीं जिलाअधिकारी का कहना है कि इस मामले में जांच की जाएगी।
वहीं ऐसे में किसानों के लिए सवाल ये है कि सही कौन बोल रहा है और इन सर्टिफिकेट का सच क्या है। कर्जमाफी को लेकर किसानों ने प्रधानमंत्री पर भरोसा किया था और अगर ये गलत हुआ तो किसानों का भरोसा टूट जाएगा। किसानों का लग रहा था कि अगर कर्जमाफी हो गई तो कुछ राहत मिलेगी। लेकिन अब कर्जमाफी को लेकर कई किसान खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। लेकिन सरकार कर्जमाफी को लेकर इतनी खुश है कि कर्जमाफी के सर्टिफिकेट बांटने पर जश्न मना रही है।