लखनऊ। अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन डा. नवनीत सहगल ने कहा कि उत्तर प्रदेश जेम पोर्टल पर शासकीय खरीद में लगातार चौथे साल भी देश में पहले स्थान पर रहा है। जेम पोर्टल पर अब तक कुल 11985.72 करोड़ की खरीदारी की गयी एवं कुल 184901 विक्रेता पंजीकृत हुए है। जिसमें से 61350 सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम (एम0एस0ई0) इकाइयां है।
डा. सहगल ने यह बात कैसरबाग स्थित निर्यात प्रोत्साहन भवन में जेम की समीक्षा के दौरान कही। उन्होंने कहा कि जेम पर वर्ष 2017-18 में 602.32 करोड़, वर्ष 2018-19 में 1674.23 करोड़, वर्ष 2019-20 में 2401.52 करोड़, वर्ष 2020-21 में 4675.65 करोड़ एवं मौजूदा वित्तीय वर्ष में माह जुलाई तक 2584.47 करोड़ की खरीद की गई है। उन्होंने समीक्षा में लम्बित भुगतान के प्रकारणों का संज्ञान लेते हुए निर्देश दिये कि एमएसएमई इकाईयों के लम्बित भुगतानों का त्वरित निस्तारण किया जाये। प्रदेश कुछ विभागों के क्रेताओं द्वारा जेम पोर्टल पर उपलब्ध उत्पाद एवं सेवाओं का क्रय ई-टेन्डर के माध्यम से किया जा रहा है। इस पर अंकुश लगाया जाय।
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि शासनादेश के अनुसार क्रेता द्वारा किसी भी उत्पाद,सेवा की कैटगरी पोर्टल पर रीच करने के लिए जेम एवेलविलिटि टूल का प्रयोग कर जेम एवेलविलिटि रिपोर्ट प्राप्त की जा सकती है। इसके अनुसार वंछित उत्पाद,सेवा पोर्टल पर उपलब्ध न होने पर क्रेता विभाग पोर्टल पर ‘कस्टम बिड’ के विकल्प का चयन कर सकते है। इससे क्रेता विभाग द्वारा अपनी आवश्यकतानुसार उत्पाद,सेवा की कस्टम बिड बनाकर पोर्टल पर फ्लोट किया जा सकता है। जेम पोर्टल पर ‘कस्टम बिड’ का विकल्प होने के फलस्वरूप शासकीय सामग्री के क्रय एवं सेवाओं की आपूर्ति के लिए ई-टेण्डरिंग की आवश्यकता नहीं रहेगी।