उत्तर प्रदेशः गौतमबुद्धनगर जिले में सार्वजनिक स्थानों पर धार्मिक नियमों के खिलाफ आयोजनों के लिए चर्चा में है। हाल ही में कुछ दिन पहले जहां नोएडा में सरकारी पार्क पर जुमें की नमाज पढ़ने की रोक लगाई गई थी। वहीं अब ग्रेटर नोएडा में सरकारी स्थल पर होने जा रही श्रीमद्भागवत कथा पर भी रोक लगा दी है। इसको लेकर एक समुदाय में नारजगी देखी जा रही है।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से जुड़े अधिकारियों के अनुसार ग्रेटर नोएडा के आवासीय सेक्टर-37 में 26 दिसंबर (बुधवार) से नौ दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा की शुरुआत होनी थी। लेकिन ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने बिना अनुमति के हो रही श्रीमद्भागवत कथा की बात बताई और बुधवार सुबह ही यहां से तंबू, मंच और लाउडस्पीकर हटवा दिए। प्राधिकरण की इस कार्रवाई का आयोजकों ने विरोध किया है।इस के विरोध में महिलाओं ने धरना प्रदर्शन भी किया है।
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प्राधिकरण के विशेष कार्याधिकारी सचिन सिंह के मुताबिक उन्हें कार्यक्रम के लिए अनुमति नहीं दी गई। यदि वे इसे फिर भी करते हैं तो यह गैर कानूनी होगा।वहीं ग्रेटर नोएडा (प्रथम) के क्षेत्राधिकारी निशंक शर्मा ने कहा कि प्राधिकरण द्वारा की गई इस कार्रवाई से उसका कोई लेना-देना नहीं है। यह कार्रवाई प्राधिकरण अधिकारियों और प्राधिकरण से संबद्ध पुलिसकर्मियों ने की है।
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ग्रेटर नोएडा सेक्टर-37 में बुधवार तनाव की स्थिति पैदा हो गई है। दरअसल ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अतिक्रमणकारी दस्ते ने मंदिर के लिए अवैध रूप से कब्जा की गई जमीन जिस पर श्रीमद्भागवत कथा शुरू होनी थी,पर बने टेंट को हटा दिया। इसके बाद इलाके के विशष समुदाय के सैकड़ों लोग जमा हो गए। और अतिक्रमण कारी दस्ते से नोकझोंक करने लगे। इसके बाद इलाके में स्थिति तनाव की बन गई है।
प्राधिकरण अधिकारियों के की मानें तो लगभग दो साल पहले से ही मंदिर के नाम पर सेक्टर की जमीन पर अवैध कब्जे की का प्रयास हो रहा था। इसी उद्देश्य से लोगों ने वहां भगवान की मूर्तियां भी स्थापित की थीं। जबकि कुछ लोग इस जमीन में मंदिर बनाने के लिए प्राधिकरण से मांग भी कर रहे थे।
कुछ लोगों ने श्रीमद्भागवत कथा के बहाने मूर्ति स्थापित करने की योजना बनाई थी। इसी योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए सेक्टर में पंडाल लगाया गया था। इसकी जानकारी मिलते ही ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीनियर प्रबंधक यशपाल सिंह के निर्देश पर बुधवार सुबह अतिक्रमण हटाओ दस्ता सेक्टर में पहुंचा और भागवत कथा के लिए लगा टेंट हटा दिया।इलाके में मामले की जानकारी होते ही सैकड़ों लोग जमा हो गए और प्राधिकरण की कार्रवाई का विरोध करने लगे।
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विवाद बढ़ने पर स्थानीय लोगों ने बीच बचाव किया और मामले को शांत कराया। इसी तरह का मामला महज कुछ दिनों पहले बिना इजाजत नोएडा सेक्टर-58 स्थित कुछ कंपनियों के कर्मचारियों द्वारा एक पार्क में जुमे की नमाज पढ़े जाने को लेकर नोएडा पुलिस ने नोटिस भेजा था, इसको लेकर हंगामा भी हुआ था। जो अभी शांत भी नहीं हुआ कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने भागवत कथा पर रोक लगाकर नए मामले को सुर्खियों पर ला दिया अब इसमें भी राजनीति होना तय हो गया है। जुमे की नमाज पर रोक लगने के बाद खूब राजनीति हुई, बीते रोज यूपी पुलिस पर सवाल खड़ा करते हुए एआईएमआईएम के अध्यक्ष असउद्ददीन ओवैसी ने बयान दिया था कि कावडियों पर फूल बरसाते हो नमाज से शांति भंग कैसे..?