अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की रहस्यमयी तौर पर हुई मौत की सीबीआई जांच की मांग को लेकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय एक याचिका दायर की गई है। यह याचिका अधिवक्ता सुनील चौधरी ने दायर की है।
याचिकाकर्ता सुनील चौधरी ने कहा कि सोमवार शाम जिस परिस्थितियों में महान नरेंद्र गिरी का शव पाया गया था। वह बेहद संदिग्ध और रहस्यमयी है। साथ ही अखाड़ा परिषद के कुछ सदस्यों ने महंत नरेंद्र गिरि द्वारा कथित तौर पर लिखे हुए सात पन्नों के लिखे सुसाइड नोट पर संदेह जाहिर किया है।
आपको बता दें उनके शिष्यों में से एक महंत आनंद गिरी प्रमुख संदिग्ध की सूची में है। जिन्हें हरिद्वार से हिरासत में ले लिया गया है। आनंद गिरि ने कहा महंत नरेंद्र गिरि ने पत्र में केवल एक या दो वाक्य के अलावा कुछ नहीं था और यह बहुत असंभव था कि वह इतना लंबा सुसाइड नोट लिखें।
घटनास्थल पर मिले सुसाइड नोट जिसे महंत नरेंद्र गिरि द्वारा लिखा सुसाइड नोट बताया जा रहा है। जबकि वह सुसाइड नोट एक विरासत की तरह लग रहा है जिसने महान ने स्पष्ट रूप से अपने शिष्यों को काम और जिम्मेदारी निर्देशित की है।
कुछ संतो ने यह भी कहा कि महान नरेंद्र जी कभी आत्महत्या नहीं कर सकते थे।
हालांकि अभी तक पुलिस ने 3 लोगों आनंद गिरि, हनुमान मंदिर के पुजारी आद्या तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। इन तीनों का नाम सुसाइड नोट शामिल है।