मुबंई। साल 2020 में कोरोना महामारी ने पूरे देश की काया पलट कर रख दी है। इसके साथ ही हमने साल 2020 में कई दिग्गज नेता और अभिनेताओं के साथ कई अन्य लोगों को भी खोया है। इसके साथ ही साल 2021 भी दुखों का पहाड़ लेकर उभरा है। इसी बीच आज मुबंई से बड़ी दुखभरी खबर सुनने को मिल रही है। दुनियाभर में मशहूर शास्त्रीय गायक उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान साहब का 89 साल की उम्र में मुम्बई के बांद्रा स्थित अपनी ही घर में निधन हो गया। उनकी मौत की खबर की पुष्टि उनके बेटे रब्बानी मुस्तफा खान ने की और बताया कि उनका निधन आज दोपहर तकरीबन 12 से 12ः15 बजे के बीच हुआ है।
ब्रेन स्ट्रोक होने के बाद चल रहे थे बीमार-
बता दें कि तकरीबन 15 साल पहले उस्ताद गुलाम मुस्तफा ब्रेन स्ट्रोक का शिकार हो गए थे और उन्हें लकवा मार गया था। तभी से वे बीमार चल रहे थे। गुलाम मुस्तफा का जन्म 1931 में उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में हुआ था। इसके साथ वो रामपुर-सहसवान घराने से ताल्लुक रखते थे। गायक गुलाम मुस्तफा ने मृणाल सेन की चर्चित फिल्म भुवन शोम से अपने गायकी के करियर की शुरुआत की थी। हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायन के क्षेत्र में दुनिया भर में अपनी एक अलग पहचान बनाने वाले गुलाम मुस्तफा खान को संगीत के क्षेत्र में जूनियर तानसेन के नाम से भी बुलाया जाता था। उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान अपने पीछे चार बेटे, चार बेटियां और पत्नी छोड़ गये हैं। इसके साथ ही उनके बेटे रब्बानी मुस्तफा खान ने कहा कि उनका जाना संगीत के क्षेत्र की अपूर्णीय क्षति है और उनके जाने के बाद भी हम उनकी परंपरा को यूं ही आगे बढ़ाते रहेंगे। उनके प्रति यही हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
गुलाम मुस्तफा को इन पुरस्कारों से नवाजा गया-
वहीं उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान को 1991 में पद्मश्री, 2006 में पद्म भूषण और 2018 में पद्म भूषण पुरस्कारों से नवाजा गया था। संगीत के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया था। उन्हें शाम 7ः30 बजे सांताक्रूज कब्रिस्तान में पूरे राजकीय सम्मान के साथ सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा।