लखनऊ। कोरोना का कहर इस कदर टूटा है कि अस्पतालों में बेड तो छोडि़ए स्ट्रेचर भी नहीं मिल रहीं हैं। हर इंसान खौफ के साये में है। वहीं योगी सरकार कोरोना के मरीजों के इलाज के प्रति चिंतित है और अधिकारियों के साथ एक के बाद एक मीटिंग कर लगातार रणनीति तैयार की जा रहीं हैं।
योगी सरकार ने कई अस्पतालों को कोविड अस्पताल में तब्दील कर दिया है। इसका मतलब यह है कि इन अस्पतालों में सिर्फ कोविड मरीजों का ही इलाज होगा। ऐसे में दूसरी बीमारियों से ग्रसित मरीजों का इलाज अब और मुश्किल हो गया है।
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दी सलाह
इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सीएम योगी को सुझाव देते हुए कहा है कि उनके कार्यकाल में बने कैंसर संस्थान का प्रयोग कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए किया जाए। पहले चरण में 750 और कुल 1250 बेड हैं।
सपा मुखिया अखिलेश सलाह देने के साथ कटाक्ष करना भी नहीं भूले। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि सपा की सरकार ने इस अस्पताल को डेढ़ साल में बनवा दिया था। लेकिन, अपने चार साल के कार्यकाल में योगी सरकार इसको शुरू नहीं करवा सकी है। कम से कम अब तो कोविड मरीजों का ध्यान रखते हुए इस अस्पताल को खोल दे।
इस मेडिकल इमरजेंसी के दौर में सपा के समय शुरू हुआ ‘लखनऊ कैंसर इंस्टीट्यूट’ का विशाल परिसर पहले चरण में 750 व कुल 1250 बेड के लिए स्थान उपलब्ध कराएगा।
सपा ने डेढ़ साल में जिस कैंसर इंस्टीट्यूट को बनाया था, उसे भाजपा सरकार अपने 4 साल के कार्यकाल के बाद कोविड के लिए तो खोल दे।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) April 12, 2021
चक गंजरिया में है कैंसर संस्थान
आपको बता दें कि कैंसर संस्थान लखनऊ के चक गंजरिया में है जो सुलतानपुर रोड के पास पड़ता है। शहीद पथ के किनारे बने इस अस्पताल का प्रयोग अभी तक नहीं किया जा सका है। कैंसर मरीजों के लिए डेडिकेटेड इस अस्पताल को कई बार शुरू करने की योजना बनी लेकिन स्थिति अभी जस की तस ही है।
यहां पर कई विभागों में शिक्षकों और स्टॉफ की नियुक्ति भी की जा चुकी है। लेकिन, ओपीडी शुरू न होने से अभी तक इसका भरपूर प्रयोग नहीं हो रहा है। जबकि कैंसर के मरीजों की संख्या भी दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। अगर यह संस्थान शुरू हो जाता तो डॉ. राममनोहर लोहिया संस्थान और केजीएमयू जैसे संस्थानों का बोझ कम हो जाता।