एजेंसी, न्यूयार्क। अमेरिकी राज्य अलबामा की संसद ने बहुमत से गर्भपात कों गैरकानूनी घोषित करने संबंधी एक विधेयक पारित किया है जिसमें दुष्कर्म और सगे-संबंधियों के कुकर्म से ठहरे गर्भ को भी गिराने की इजाजत नहीं होगी। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार इस विधेयक को छह के मुकाबले 25 से मंगलवार को पारित किया गया।
अलबामा हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव ने इस महीने की शुरुआत में विधेयक को तीन के मुकाबले 74 से पारित किया था। रिपब्लिकन सीनेटरों ने इस विधेयक को आगे बढ़ाया जो राज्य में गर्भपात पर करीब-करीब पूरी तरह से प्रतिबंध लगाता है। विधेयक पर बहस शुरु होने से पहले डेमोक्रेटिक सीनेट रॉजर स्मिथमैन ने कहा,“ इस विधेयक के माध्यम से हम 12 साल की उस बच्ची, को जो दुष्कर्म अथवा अपने सगे-संबंधियों की काली करतूतों से गर्भवती हुयी है, से कहते हैं कि उसके पास कोई विकल्प नहीं है” विधेयक में गर्भपात के खिलाफ सख्त प्रावधान हैं।
किसी महिला का गर्भपात करने कोशिश में डॉक्टर को 10 की सजा और इस प्रक्रिया को अंजाम देने वाले चिकित्सक को 99 साल के कारावास की सजा का प्रावधान है। गर्भवती महिला के खिलाफ हालांकि किसी तरह की कार्रवाई का प्रावधान नहीं है। डेमोक्रेटिक सीनेटर बॉबी सिंग्लटेन ने कहा,“ यह विधेयक चिकित्सकों को अपराधी घोषत करता है और पुरुष वर्ग की ओर से महिलाओं को यह संदेश देता है कि उनके शरीर पर उनका अधिकार नहीं है।”
इस विधेयक में महिला अथवा किशोरी की सेहत को गंभीर खतरे की सूरत में गर्भपात कराने की छूट दी गई है। डेमोक्रेट सीनेटरों ने दुष्कर्म और पारिवारिक यौन हिंसा की शिकार लड़कियों को छूट देने के लिए संशोधित विधेयक पेश किया था लेकिन यह 11-21 वोटों से नामंजूर कर दिया गया। इस विधेयक को कानूनी जामा पहनाने के लिए रिपब्लिकन गवर्नर के आइवे के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा जायेगा। माना जाता है कि वह गर्भपात की घोर विरोधी हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अलबामा सरकार का यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के वर्ष 1973 के आदेश को चुनौती देगा जिसमें गर्भपात को कानूनी मान्यता प्रदान की गई थी।
महिलाओं के राष्ट्रीय संगठनाे ने इस विधेयक को असंवैधानिक करार देते हुए कहा कि आगामी चुनावों के मद्देनजर इस विधेयक को पारित किया गया है। एक मानवाधिकार संगठन ने कहा कि यह फैसला अलबामा और पूरे देश की महिलाओं के लिए ‘काला दिवस’ की घोषणा करता है। इस बीच इस विधेयक के पक्षकार रिपब्लिकन सीटेन टेरी कोलिन्स ने कहा,“ हमारे विधेयक में माना गया है कि गर्भ में पल रहा जीव एक इंसान है।”
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