वॉशिंगटन। पिछले साल हुए अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान लगे धांंधली के आरोपो और चुनाव में रूस के दखल को लेकर फेसबुक, गुगल और ट्विटर ने गवाही दी। दरअसल अमेरिका की विपक्षी पार्टी ने ये आरोप लगाया है कि डोनाल्ड ट्रंप को चुनावों में जीत दिलाने के लिए ऑनलाइन माध्यय के जरीए गलत जानकारियां लोगों तक पहुंचाई गई। इस मामले की जांच अमेरिका की सीनेट की एक नयायिक समाति कर रही है।
सुनवाई के दौरान फेसबुक, गुगल और ट्विटर ने अपनी सफाई पेश करते हुए कहा कि कई अज्ञात रूसी समर्थित अकांउट के जरिए उनकी साइट का इस्तेमाल चुनाव से जुड़े प्रचार संबंधी सामग्री का प्रचार-प्रसार किया गया, जिसके कारण देश में राजनीतिक अस्थिरता ने अपना सर उठाया। फेसबुक ने कहा कि हमारे हिसाब से राष्ट्रपति चुनाव के समय 12.6 करोड़ लोगों ने रूस समर्थित प्रचार सामग्री देखी है। वहीं ट्विटर और गूगल का मानना है कि रूस समर्थित इन साइटों ने चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश की थी।
ट्विटर ने अपना बयान दर्ज कराते हुए कहा कि रूसी नागरिकों के जरिए चलाई गई कुल 2,752 अकाउंट का हमे पता चला है और प्रचार के दौरान 36 हजार रूसी नागरिकों ने 14 लाख बार ट्विट किया है। दूसरी तरफ गूगल ने अपना बयान दर्ज करवाते हुए कहा कि यू ट्यूब पर चुनाव को प्रभावित करने के रूसी प्रयासों से जुड़े 1,108 वीडियो के वायरल होने का पता चला है। वहीं इन बयानो के बाद कांग्रेस अब ये पता लगाने में जुटी है कि इन गलत बयानों के प्रचार का लोगों पर क्या असर पड़ा था। बताते चलें कि राष्ट्रपति चुनाव में हिलेरी के जीत दर्ज करने की प्रबल संभावनाए थी, लेकिन हुआ इसके बिल्कुल उलट।