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किसान आंदोलन की गूंज रही विदेशों तक, अमेरिका सांसदो ने उठाया किसानों का मुद्दा

746040a4 d866 48bd 95fa ed80d7bde1a3 किसान आंदोलन की गूंज रही विदेशों तक, अमेरिका सांसदो ने उठाया किसानों का मुद्दा

नई दिल्ली। कृषि कानून को आज 30वां दिन है। किसान अपनी मांगो को लेकर अड़े हुए है। इसके साथ ही सरकार और किसानों के बीच हुई कई दौर की बातचीत में कोई समाधान नहीं निकला है। जिसके बाद अब फिर सरकार की तरफ से किसानों से बातचीत करने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है, लेकिन किसानों की तरफ से अभी तक काई जबाव नहीं दिया गया है। इसके साथ ही किसानों को यह मुद्दा देश में ही बल्कि अब विदेशों में भी उठाया जा रहा है। आए दिन किसी न किसी देश से कृषि कानून को लेकर बयान सुनने को मिल जाते हैं। इस अमेरिका में कृषि कानून को लेकर आवाज उठ रही है। अमेरिका के 7 सांसदों ने विदेश मंत्री माइक पोम्पियो को पत्र लिख कर इस मामले को भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर के सामने उठाने को कहा है। सांसदो ने लिखा है कि अमेरिका में रह रहे उन सभी सिखों और बाकी लोगों के लिए ये चिंता का विषय है जिनके परिवारजन पंजाब में रहते हैं या उनकी ज़मीनें पंजाब में हैं।

किसानों का आंदोलन भारतीय मूल के लोगों के लिए बड़ा चिंता का विषय-

बता दें कि भारतीय मूल की अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल समेत अमेरिका के सात प्रभावशाली सांसदों ने विदेश मंत्री माइक पोम्पियो को पत्र लिखकर अपील की है कि भारत में किसान आंदोलन के मुद्दे को वह अपने भारतीय समकक्ष के सामने उठाएं। बीते कुछ हफ्तों में अमेरिका के 12 से अधिक सांसद भारत में जारी किसान आंदोलन पर चिंता जता चुके हैं। अमेरिका के 7 सांसदों ने विदेश मंत्री माइक पोम्पियो को पत्र लिख कर इस मामले को भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर के सामने उठाने को कहा है। इन 7 सांसदों ने पोम्पियो को लिखी चिट्ठी में कहा है कि वो भारत सरकार द्वारा कानून के दायरे में बनाए जाने वाले किसी भी कानून का सम्मान करते हैं मगर भारत में चल रहा किसानों का आंदोलन अमेरिका में रह रहे सिखों और दूसरे समुदाय के भारतीय मूल के लोगों के लिए बड़ा चिंता का विषय है।

इन 7 सांसदो से किए हस्ताक्षर-

चिट्ठी में इन सांसदों ने लिखा कि वो अंतराष्ट्रीय प्रेस में आ रही खबरों को देख कर ये चिट्ठी लिखने को मजबूर हुए कि किसानों पर बर्बरता के साथ टियर गैस और वाटर कैनन चलाए गए। राजधानी दिल्ली आने से रोकने के लिए कटीले तार, बैरिकेड और सुरक्षा बलों का सहारा लिया गया। चिट्ठी में इन सातों सांसदों ने अमेरिकी विदेश मंत्री पोम्पियो से मांग की है कि वो मामले की गंभीरता को देखते हुए इस मामले को भारत के साथ उठाएं और अभिव्यक्ति की आज़ादी के प्रति अमेरिका कि कटिबद्धिता को भारत के समक्ष दोहराएं। पत्र पर जयपाल, सांसद डोनाल्ड नोरक्रॉस, ब्रेनडान एफ बॉयल, ब्रायन फिट्जपैट्रिक, मेरी गे स्कानलोन, डेबी डिंगेल और डेविड ट्रोन के हस्ताक्षर हैं।

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