नई दिल्ली। पठानकोट में हुए हमले को लेकर अमेरिका ने भारत को एक हजार पन्नों का सुबूत सौंपा है जिसमें पाकिस्तान की पोल खुल गई है। इन सबूतों से यह साफ हो गया है कि जैश-ए-मुहम्मद का आतंकी कासिफ जान और इस हमले के लिए जिम्मेदार दहशतगर्दों के बीच संपर्क था।
एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के अनुसार इन साक्ष्यों में हमले को लेकर जैश-ए मोहम्मद के सरगना कासिफ जान की चार फिदायीनों से हुई बातचीत भी रिकॉर्ड है।
इतना ही नहीं कासिफ अपने फेसबुक अकाउंट पर जिस मोबाइल नंबर का इस्तेमाल करता था, उसी नंबर पर दहशगर्तों ने एसपी सलविंदर सिंह की छीनी मोबाइल से बात की थी।
इस हमले में पाकिस्तान आधारित जैश ए मोहम्मद के हैंडलर्स के खिलाफ भारत की जांच को और बल मिलेगा। इस मामले की जांच एनआईए कर रही है। सुबूतों की माने तो आतंकियों के बीच बातचीत से ये साफ होता है कि कराची के सेफ हाउस से 2008 में मुंबई को दहलाने वाले लोग ही पठानकोट हमले को भी संचालित कर रहे थे।
साक्ष्यों के मुताबिक, 80 घंटे तक चले पठानकोट हमले में जैश ए मोहम्मद के चार आतंकी पंजाब का नसीर हुसैन, गुंजरावाला का अबु बकर और सिंध का उमर फारूख तथा अब्दुल कयूम लगातार पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं के संपर्क में थे। पठानकोट हमले में मारे गए नसीर हुसैन(पंजाब), अबु बकर(गुंजरावाला), उमर फारुख और अब्दुल कयूम (सिंध) अस्सी घंटे तक चलने वाले आतंकी वारदात के दौरान जैश के हैंडलर कासिफ जान के साथ लगातार संपर्क में बने हुए थे।