वॉशिंगटन। मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड और जमात उद दावा के प्रमुख हाफिज सईद हमेशा से भारत के लिए जहर उगलता आया है। यहां तक की भारत के द्वारा किए गए सर्जिकल स्ट्राइक की गूंज से जहां एक ओर नवाज शरीफ बौखला गए थे वहीं आतंक के सरगना हाफिज भी तिलमिला गया था और भारत को धमकी देते हुए कहा था कि वो जल्द ही बदला लेगा। लेकिन शुक्रवार को अमेरिका ने अपने जारी बयान में कहा है कि आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा अमेरिका सहित कई देशों में लोगों की मौत का जिम्मेदार है। हालांकि अमेरिकी सरकार ने लश्कर और सईद दोनों आतंकियों को सूचीबद्ध किया हुआ है।
सईद पर टिप्पणी करने से किया इंकार:-
अमेरिका के विदेश मंत्रालय के उप-प्रवक्ता मार्क टोनर ने जमात उद दावा के प्रमुख हाफिज सईद पर किसी भी तरह की टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। उसे आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के साथ उसकी संबद्धता के कारण लक्षित प्रतिबंधतों के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद 1267 अलकायदा प्रतिंबध समिति या संयुक्त राष्ट सुरक्षा समिति ने सूचीबद्ध किया है। इसके साथ ही मार्क ने कहा कि लश्कर और सईद दोनों को ही अमेरिकी सरकार ने सूचीबद्ध किया है और लश्कर संगठन कई लोगों की मौत का जिम्मेदार है।
बता दें कि जमात उद दावा के प्रमुख हाफिज ने मुंबई में साल 2008 में आतंकी हमला किया था जिसमें 166 लोगों की मौत हो गई थी और 300 लोग घायल हो गए थे। गौरतलब है कि जब भारत और अमेरिका के बीच रक्षा समझौता हुआ था तो हाफिज ने समझौते को पाकिस्तान और मुस्लिम जगत के खिलाफ बताया था। इसके साथ ही उसने कहा था कि अमेरिका और भारत के बीच हुई साझेदारी पाकिस्तान में बन रहे चीन के आर्थिक कॉरीडोर के खिलाफ है। चीन के आर्थिक कॉरीडोर की वजह से अमेरिका और भारत के हित आपस में मिल रहे हैं। अमेरिका का चीन से विवाद है, भारत का पाकिस्तान से विवाद है। चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के कारण दोनों के हित एक हो जाते हैं।