नई दिल्ली: पूर्व वित्त सचिव शक्तिकांत दास को भारतीय रिजर्व बैंक का नया गवर्नर नियुक्त किया गया है. इस नियुक्ति पर पूरी दुनिया की नजर टिकी है. दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र, दूसरा सबसे बड़ा बाजार और तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रिजर्व बैंक गवर्नर उर्जित पटेल ने देश की सरकार के साथ चल रही स्वायत्तता की खींचतान के बीच इस्तीफा दे दिया.
24 घंटे के अंदर चुने गए दास
रिजर्व बैंक और सरकार के बीच जारी विवाद के महत्व के देखते हुए चौबीस घंटे के अंदर देश में बड़े आर्थिक फैसलों को लागू करने वाले रिटायर्ड आईएएस अधिकारी दास को रिजर्व बैंक की कमान सौंप दी है. नोटबंदी और जीएसटी जैसे अहम आर्थिक फैसलों को लागू करने वाले दास को सिविल सेवा से रिटायरमेंट के बाद केन्द्र सरकार के वित्त आयोग का सदस्य नियुक्त कर दिया गया था.
सरकार से आरबीआई के साथ चल रही है खींच तान
दास ऐसे समय में रिजर्व बैंक की कमान संभाल रहे हैं जब रिजर्व बैंक के सामने केन्द्र सरकार से चल रही स्वायत्तता की खींचतान के साथ-साथ सुस्त घरेलू अर्थव्यवस्था और वैश्विक स्तर पर गंभीर चुनौतियां खड़ी हैं. केन्द्रीय रिजर्व बैंक के गवर्नर को तीन साल के लिए नियुक्त किया जाता है.
आमतौर पर वैश्विक अर्थव्यवस्था में गवर्नर की साख को देखते हुए कार्यकाल को बढ़ा दिया जाता है जिससे केन्द्रीय बैंक के गवर्नर को 15 से 20 साल की अर्थव्यवस्था को संचालित करने का पर्याप्त समय मिल जाए. जहां रघुराम राजन का कार्यकाल नहीं बढ़ा, वहीं उर्जित पटेल बीच कार्यकाल में निजी कारणों के चलते चले गए,