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फतेहपुर: टॉर्च जलती छोड़ सो गया गेटमैन, हो सकता था बड़ा हादसा!

फतेहपुर: टॉर्च जलती छोड़ सो गया गेटमैन, हो सकता था बड़ा हादसा!

फतेहपुर: फतेहपुर जिले के रमवां में गेटमैन आरके शर्मा ने टॉर्च जलाकर रखी तो रेलवे ने उन्हें निलंबित कर दिया। दरअसल, बीती रात वायरल हुई वीडियो में गेटमैन के नींद में होने की बात पता चली थी। मिठनापुर रेलवे क्रॉसिंग नंबर 47सी पर ड्यूटी के दौरान गेटमैन आरके शर्मा की घोर लापरवाही को देखते हुए एसएसई अनूप सिंह ने कार्रवाई की है।

एसएसई अनूप सिंह ने मामले पर विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि, गेटमैन के पास जो टॉर्च होती है वह केवल ट्रेन चालक को वहां पर फाटक होने का मैसेज देती है। बाकी इसका ट्रेन की सुरक्षा या रेलवे ट्रैक की सुरक्षा से इसका कोई लेना-देना नहीं है क्योंकि ट्रेन का संचालन स्टेशन मास्टर के जरिए होता है। पूरा कमांड वहीं से संचालित होता है, ऐसे में दुर्घटना होने का कोई सवाल ही नहीं है।

गेटमैन को किया गया निलंबित

उन्‍होंने बताया कि, वायरल वीडियो जिस मार्ग का बताया जा रहा है, वहां पर रात का ट्रैफिक शून्य है। ऐसे में फाटक के दोनों ओर दूर-दूर तक वाहनों की कतारें लगने की बात करना सरासर झूठ है। पूरे मामले में कथित तौर पर गेटमैन के नींद में होने की बात कही जा रही है। यह लापरवाही तो हो सकती है और इसी आधार पर उसे निलंबित किया गया है। साथ ही गेटमैन से उसका पक्ष भी मांगा गया है।

प्राथमिक जांच में गेटमैन आरके शर्मा की लापरवाही पायी गयी है। साथ ही उनके तबियत सही न होने की बात सामने आई है। गेटमैन ने अपने दवाइयों के पर्चे और दवाएं भी दिखाई हैं। हालांकि, इसका सत्यापन कराने और अन्य जांच के बाद ही आगे कुछ कहा जा सकता है। लेकिन एक बात स्पष्ट है कि गेटमैन के टॉर्च जलाकर रखने से किसी भी प्रकार का कोई हादसा संभव नहीं है। मामले में ना तो किसी ने कोई शिकायत की, न किसी ट्रेन को विलंब हुआ, न सरकारी लाइन को कोई क्षति हुई और न ही होने वाली थी। इस तरह गेटमैन के टॉर्च जलाकर छोड़ने से किसी भी प्रकार की कोई दुर्घटना संभव नहीं है। एसएसई अनूप सिंह ने बताया कि, हालांकि गेटमैन आरके शर्मा को ड्यूटी के दौरान लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित किया गया है।

क्या है गेटमैन का काम

आमतौर पर रेलवे लाइन के आसपास जहां पर सामान्य ट्रैफिक होता है, वहां पर फाटक लगाया जाता है। जिससे रेलवे ट्रैक में ट्रेन पास होने के दौरान फाटक को बंद कर सामान्य ट्रैफिक को प्रतिबंधित किया जा सके। इसी काम के लिए गेटमैन की तैनाती की जाती है। साथ ही रेलवे के लोको पायलट को रात में टॉर्च और दिन में झंडी दिखाकर अपने होने एवं फाटक होने की सूचना देता है।

ट्रेन पास कराने में टॉर्च का रोल नहीं

किसी भी रूट की ट्रेन को पास कराने में गेटमैन की कोई भूमिका नहीं होती है। ऐसे में गेटमैन के पास जो टॉर्च होती है, उसे दिखाने न दिखाने से ट्रेन के चालक को कोई फर्क नहीं पड़ता। ऐसे में कोई दुर्घटना होने का सवाल नहीं उठता।

गेट खुला होने पर नहीं चलेगी ट्रेन

एसएसई अनूप सिंह ने बताया कि, यदि कहीं से भी कोई भी रेलवे फाटक खुल जाए तो उसके पहले लगा सिग्नल अपने आप रेड हो जाएगा, जिससे कोई भी ट्रेन फाटक से काफी पहले अपने आप ही रुक जाएगी। फिर जब तक फाटक बंद नहीं होगा, तब तक सिग्नल ग्रीन नहीं होगा। यानी के सिग्नल का पूरा सिस्टम फाटक से जुड़ा है और यह स्वचलित है। इस तरह गेटमैन की इसमें भी कोई भूमिका नहीं है।

इस तरह काम करता है सिग्नल

रेलवे ने अपनी सुरक्षा व्यवस्था को इतना मजबूत किया है कि सामान्यतय: रेलवे और यात्रियों को हानि नहीं हो सकती है। ट्रेन का सिग्नल पूरी तरह से स्टेशन मास्टर के नियंत्रण में होता है। वही आगे से रेलवे स्टेशन तक रूट क्लियर होने की सूचना लोको पायलट को देता है और रेलवे लाइन के किनारे लगे सिग्नल को ग्रीन करता है। ऐसे में गेटमैन का सिग्नल से कोई कनेक्शन नहीं है।

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