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उपहार अग्निकांडः HC ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा

UPHAR CINEMA HALL उपहार अग्निकांडः HC ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा

नई दिल्ली। साल 1997 में हुए उपहार अग्निकांड मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में शुक्रवार(12-05-17) को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने माना है कि रियल एस्टेट कारोबारी सुशील एवं गोपाल अंसल ने सबूतों के साथ छेड़छाड़ की है। जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल की पीठ ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए कहा है कि इस मामले में मजिस्ट्रेटी अदालत के पास पूरा रिकॉर्ड है।

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संदेह पैदा किया गया

शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा, मामले से जुड़े हर पहलू को जानना जरूरी है और हर जगह एक संदेह पैदा करने की कोशिश की गई है। कोर्ट ने कहा है कि अपराधियों ने जिस घटना को अंजाम दियाऔर इसके लिए उचित आरोप तय किए गए।

सरेंडर करने का आदेश

बता दें कि साल 2016 में 9 फरवरी को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने गोपाल अंसल को एक महीने के भीतर सरेंडर करने का आदेश सुनाया था। कोर्ट ने एसोसिएशन ऑफ द विक्टिम्स ऑफ उपहार ट्रेजेडी द्वारा सुशील अंसल की सजा कम करने के खिलाफ रिव्यू पिटीशन को खारिज कर दिया था।

सजा कम कराने की कोशिश

इससे पहले, वरिष्ठ वकील रामजेठमलानी ने उपहार सिनेमा हादसे के दोषी गोपाल अंसल की सजा कम करने संबंधी याचिका क सुप्रीम कोर्ट में मेंशन की थी। जेठमलानी ने सुशील अंसल की उम्र को ध्यान में रखते हुए जेल भेजने से छूट मिलने का हवाला देते हुए कहा था कि गोपाल अंसल भी सुशील अंसल की तरह ही बढ़ते उम्र की बीमारियों से परेशान हैं इसलिए उन्हें जेल नहीं भेजा जाना चाहिए। राम जेठमलानी ने कहा कि गोपाल अंसल पहले ही जेल में सजा के बराबर का समय काट चुके हैं। उन्होंने तीस लाख रुपये का जुर्माना भी अदा कर दिया है। ऐसे में कोर्ट उन पर थोड़ी राहत करे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल गोपाल अंसल को कोई भी राहत देने से इनकार कर दिया।

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