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मेरठ में छापी गई NCERT की नकली किताबें, हुआ खुलासा

मेरठ में छापी गई NCERT की

मेरठ: उत्तर प्रदेश के मेरठ में NCERT की नकली किताबें छापने वाले गिरोह का एसटीएफ की टीम ने पर्दाफाश किया है। मेरठ पुलिस और एसटीएफ की टीम के संयुक्त ऑपरेशन में करीब 35 करोड़ की नकली किताबें और मशीनरी बरामद की है। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए फैक्ट्री और गोदाम को सील कर दिया है साथ ही एक दर्जन से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया हैं। छापेमारी के दौरान गैंग के सरगना का पॉलिटिकल कनेक्शन भी सामने आया है। कई दस्तावेज जलाए दिया गया है, जिनकी जांच में फॉरेंसिक, पुलिस, एसटीएफ, जीएसटी और एनसीईआरटी समेत कई एजेंसियां जुट गई है।

दर्जन भर लोग हिरासत में

दरअसल मेरठ के परतापुर थाना के अंतर्गत स्थित एक प्रकाशक के यहां छापा मारा गया। छापेमारी के दौरान मेरठ पुलिस और एसटीएफ की टीम ने एनसीईआरटी की 35 करोड़ की नकली किताबें बरामद की हैं। इस दौरान टीम ने मौके से दर्जनभर लोगों को भी हिरासत में लिया है।

अवैध रूप से छपी जा रही थी किताबें

बता दें कि एनसीईआरटी का देशभर में एक ही कोर्स है जिसके प्रकाशन का अधिकार केवल दिल्ली के कुछ चुनिंदा प्रकाशकों को ही दिया गया है। ऐसे में मेरठ में अवैध रूप से यह काम किया जा रहा था। जिसे पुलिस ने कार्रवाई करते हुए रोक दिया है और मामले में शामिल लोगों पर करवाई की जा रही है और मामले में आगे जांच की जा रही है।

एसटीएफ और मेरठ पुलिस ने मिलकर की छापेमारी

मेरठ में प्रकाशक किताबों का फर्जी तरीके से प्रकाशन कर रहे है। इसी सूचना के आधार पर आज परतापुर थाना क्षेत्र में एक प्रकाशक के यहां एसटीएफ और मेरठ पुलिस ने संयुक्त छापेमारी की। छापेमारी के दौरान पाया गया कि गोदाम में एनसीईआरटी की किताबों की बाइंडिंग चल रही थी। पुलिस को देख गोदाम में मौजूद कुछ लोग भाग खड़े हुए, जबकि अन्य दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। छापेमारी में 35 करोड़ की किताबें बरामद कीं गई है।

अलग अलग राज्यों में होती है सप्लाई

पुलिस की पूछताछ में पता चला है कि किताबें प्रकाशित कर उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, दिल्ली समेत कई राज्यों में भेजी जाती थीं। प्रकाशित की जाने वाली किताबों में अधिकांश किताबें 9वीं से 12वीं तक की फिजिक्स, केमेस्ट्री और मैथ्स की है। जिन्हे छापकर अन्य राज्यों में भेजा जाता था। इस फैक्ट्री में एनसीईआरटी के अलावा भी करीब 364 तरह की नकली किताबें छापी जाती थीं। पुलिस के मुताबिक प्रकाशक अभी गिरफ्त से बाहर है। जिसकी गिरफ्तारी का प्रयास लगातार जारी हैं।

जांच में कई एजेंसी जुटी

मामले को लेकर शिक्षा विभाग के स्थानीय अधिकारियों, जीएसटी और एनसीईआरटी अधिकारियों को अवगत करा दिया हैं। बताया गया कि मामले में आईपीसी की धाराओं के साथ ही कॉपीराइट और पायरेसी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है और मामले में कार्रवाई की जा रही है।

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