लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं सैनिक पुनर्वास निधि अटारी प्रक्षेत्र की अध्यक्ष आनंदीबेन पटेल ने कहा है कि अटारी प्रक्षेत्र का अधिकांश भाग बंजर है जो कि कृषि के लिए अनुपयुक्त बताया जा रहा है, इसलिए इस प्रक्षेत्र को अन्य बेहतर उपयोग में लिया जाए। दरअसल, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल मंगलवार को राजभवन में उत्तर प्रदेश सैनिक पुनर्वास निधि अटारी प्रक्षेत्र के प्रस्तुतिकरण का अवलोकन कर रही थीं। उन्होंने कहा कि सैनिक पुनर्वास निधि को होने वाली वार्षिक आय बेहद कम है। निधि की वार्षिक आमदनी बढ़ाने के लिए योजना बनायी जाए।
राज्यपाल ने बैठक में निर्देश दिया कि सैनिक पुनर्वास निधि में वृद्धि के लिए अटारी प्रक्षेत्र का फार्म राज्य सरकार को हस्तांरित करके एकमुश्त धनराशि प्राप्त करने के विकल्प पर प्रस्ताव बनाया जाए। उन्होंने कहा कि इस प्रकार निधि में एकमुश्त राशि प्राप्त करके उसके उपयोग से आय में वृद्धि हो सकेगी साथ ही भूमि का जनहित में बेहतर उपयोग भी किया जा सकेगा। प्रस्तुतिकरण में सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास उत्तर प्रदेश के निदेशक ब्रिगेडियर रवि ने जानकारी दी कि अटारी प्रक्षेत्र से सैनिक पुनर्वास निधि को रूपये 15 लाख वार्षिक आय प्राप्त होती है।
उन्होंने यह भी बताया अटारी प्रक्षेत्र की लीज रिनीवल वर्ष 2014 से शासन में विचाराधीन है। उन्होंने राज्यपाल को सैनिक पुनर्वास निधि के लीजी होने के कारण भू-उपयोग की अपनी सीमाओं से भी अवगत कराते हुए अधिकारों में वृद्धि करने के प्रस्तावों से अवगत कराया। ज्ञात हो कि अटारी प्रक्षेत्र 1342.06 एकड़ का फार्म है, जिसमें लगभग 11 सौ एकड़ बंजर है। बिग्रेडियर रवि ने राज्यपाल जी को इस प्रक्षेत्र में कराए गए विकास कार्यों तथा अतिक्रमण की जानकारी भी दी।