लखनऊ: शुक्रवार के ट्वीट में मायावती के निशाने पर समाजवादी पार्टी रही। उन्होंने ट्वीट करके सपा की नीतियों पर हमला बोला। इतना ही नहीं, मायावती ने समाजवादी पार्टी को घोर स्वार्थी और दलित विरोधी बता दिया।
कांग्रेस, बीजेपी के बाद सपा
मायावती इन दिनों उत्तर प्रदेश में सक्रिय सभी राजनीतिक पार्टियों पर एक-एक करके हमला बोल रही हैं। जहां बीते दिनों उन्होंने बेरोजगारी के लिए कांग्रेस पार्टी और मौजूदा बीजेपी सरकार को जिम्मेदार ठहराया था। वहीं शुक्रवार को उनके निशाने पर समाजवादी पार्टी रही।
घोर स्वार्थी और दलित विरोधी है सपा
मायावती ने अपने ट्वीट में कहा कि समाजवादी पार्टी घोर स्वार्थी, संकीर्ण और खासकर दलित विरोधी सोच वाली है। उनकी कार्यशैली के कड़वे अनुभव के कारण देश की कई बड़ी पार्टियां उनके साथ चुनावी नाता नहीं जोड़ना चाहती, यह बात सर्वविदित है।
1. समाजवादी पार्टी की घोर स्वार्थी, संकीर्ण व ख़ासकर दलित विरोधी सोच एवं कार्यशैली आदि के कड़वे अनुभवों तथा इसकी भुक्तभोगी होने के कारण देश की अधिकतर बड़ी व प्रमुख पार्टियाँ चुनाव में इनसे किनारा करना ही ज़्यादा बेहतर समझती हैं, जो सर्वविदित है। 1/2
— Mayawati (@Mayawati) July 2, 2021
मायावती यहीं तक नहीं रुकी, उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी की गलत विचारधारा के चलते ही आने वाले यूपी विधानसभा चुनाव में कोई भी बड़ी पार्टी इनके साथ नहीं है। इसीलिए सपा छोटी पार्टियों के साथ गठबंधन कर के चुनावी मैदान में उतर रही है। यह समाजवादी पार्टी की महालाचारी को दर्शाता है।
आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव 2019 में बसपा ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया था। जहां पिछले लोकसभा चुनाव में बसपा को एक भी सीट नहीं मिली थी, इस बार सपा के साथ गठबंधन करने के बाद उन्हें 10 सीटें मिली। इसके बाद दोनों का रिश्ता आगे नहीं चल पाया और यह गठबंधन टूट गया। अब यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में समाजवादी पार्टी छोटे दलों के साथ गठबंधन करके चुनावी मैदान में उतरेगी। वहीं बसपा अलग राजनीतिक उद्देश्य को पूरा करने में लगी हुई है।