लखनऊ: यूपी के पूर्व सीएम व सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को भाजपा पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि, भाजपा ने प्रदेश में कानून व्यवस्था को बंधक बना लिया है।
ब्लॉक प्रमुख चुनाव के नामांकन के दौरान हुई हिंसा पर सपा सुप्रीमो ने कहा कि, बीजेपी नेताओं व कार्यकर्ताओं द्वारा नामांकन में अराजकता और हिंसा किया जाना लोकतंत्र का उपहास है। भाजपाई सरेआम लोकतंत्र का गला घोंट रहे हैं। उन्होंने कहा कि, लोकतंत्र की हत्या के समय पुलिस-प्रशासन मूकदर्शक बन तमाशा देखता रहा।
सपा प्रत्याशियों में नामांकन में अवरोध का आरोप
सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री ने सिद्धार्थनगर के इटवा ब्लॉक, हरदोई के सांडी ब्लॉक, संभल, झांसी के बड़ागांव ब्लॉक, बस्ती का गौर, सीतापुर में कसमंडा ब्लॉक, बुलंदशहर, कानपुर के बिल्हौर और शिवराजपुर, ललितपुर, गाजीपुर, उन्नाव, गोरखपुर, देवरिया के भटनी, महराजगंज के सिसवा, सदर, पनियरा, परतावल, जैसे जिलों का उदाहरण देते हुए कहा कि, ब्लॉक प्रमुख पद के लिए भाइपाइयों ने सपा समर्थित उम्मीदवारों के नामांकन में अवरोध पैदा किया।
अखिलेश यादव ने कहा कि, बीजेपी सरकार में प्रशासनिक अधिकारी उनके एजेन्ट की भूमिका में हैं, जो लोकतांत्रिक प्रणाली को दूषित करने का कृत्य है। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि, प्रदेश में जिन ब्लॉक प्रमुख उम्मीदवारों का नामांकन नहीं हुआ है, उन्हें मौका देकर नामांकन कराने की व्यवस्था की जाए और फिर से पूरी प्रक्रिया की जाए।
2022 में जनता देगी जवाब: अखिलेश यादव
अखिलेश यादव ने कहा कि, बीजेपी ने लोकतंत्र का बहुत अहित किया है। संवैधानिक अधिकारों का प्रदेश में हनन किया जा रहा है। उम्मीदवारों को धमकी दी जा रही है। कई जिलों में बीजेपी ने पर्चा नहीं लेने दिया और सपा उम्मीदवारों के पर्चे छीन लिए गए। बीजेपी के खिलाफ जनता में भारी जनाक्रोश है। विधानसभा चुनाव 2022 में जनता पूरा हिसाब-किताब करेगी।