इलाहाबाद: यूपी पीसीएस के मेंस एग्जाम का पेपर लीक होने की वजह आज भी नहीं सुलझ सकी है। पेपर लीक मामले में यूपी पुलिस अभी बयान लेने की प्रक्रिया से आगे नहीं बढ़ पाई है। वहीं यूपी पब्लिक सर्विस कमीशन बीते चार दिनों से मचे इस कोहराम को कुछ लोगों की साजिश बताकर खुद को सही बताने की कवायद में जुटा हुआ है।
छात्र कर रहे आंदोलन
यूपी पब्लिक सर्विस कमीशन ने सोशल साइंस का पेपर भी आउट होने को पूरी तरह गलत बताते हुए इसे अफवाह करार दिया है। वहीं दूसरी तरफ प्रतियोगी छात्र लगातार आंदोलन कर रहे हैं। और वह मेंस का पूरी परीक्षाओं को रद्द कर उसे नये सिरे से दोबारा कराए जाने की मांग कर रहे हैं।
19 जून को लीक हुआ था पेपर
आपको बता दे कि यूपी पीसीएस द्वारा आयोजित यूपी की सबसे बड़ी भर्ती परीक्षा पीसीएस- 2017 के मेंस यानी लिखित परीक्षा के निबंध का पेपर 19 जून को इलाहाबाद के सेंटर से लीक हो गया है। दरअसल उन्नीस जून को सुबह पहली पाली में सामान्य हिन्दी का पेपर था। जबकि शाम को दूसरी पाली में निबंध का पेपर।
वहीं इलाहाबाद के जीआईसी सेंटर पर उन्नीस जून को पहली पाली में सामान्य हिन्दी की जगह शाम की पाली के निबंध का पेपर बांट दिया गया था। इस पर अभ्यर्थी हंगामा करते हुए सेंटर के बाहर आ गए थे। और उसके बाद निबंध का पेपर सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
हालांकि यूपी कमीशन ने कुछ ही देर में उन्नीस जून के दोनों पेपर पूरे यूपी में रद्द कर दिए। और ये दोनों पेपर दोबारा कराने का एलान किया। लेकिन इसके बावजूद तमाम अभ्यर्थी सडकों पर उतर आए थे और उन्होंने जमकर हंगामा व हिंसा करते हुए कई जगहों पर आगजनी भी की थी।
चार दिन बाद भी नहीं लगा कुछ हांथ
पेपर लीक मामले में यूपी कमीशन ने उसी दिन एफआईआर करा दी थी। इसके अलावा कमीशन ने अपने दो अफसरों की एक जांच कमेटी अलग से बना दी थी। हालांकि चार दिन बीतने के बाद भी न तो कमीशन किसी नतीजे पर पहुंच सका है और न ही मामले की जांच कर रही इलाहाबाद पुलिस।