लखनऊ: उत्तर प्रदेश में त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव के लिए आरक्षित वर्ग को नई आरक्षण नीति का लाभ मिला है। जिला पंचायत चुनाव में अभी तक जो सीटें कभी अनुसूचित और पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित न हो सकी थीं, उन्हें आरक्षित किया गया है।
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नई आरक्षण नीति से कई दिग्गजों का गणित भी गड़बड़ा गया है, क्योंकि इस बार 25 जिला पंचायतों में अध्यक्ष की कुर्सी की कमान महिलाओं के हाथ में होगी। सबसे खास बात यह है कि इस बाद बागपत और शामली जिले में पहली बार अनुसूचित जाति वर्ग से कोई महिला जिला पंचायत अध्यक्ष निर्वाचित हो सकेगी।
25 जिला पंचायतों की कमान महिलाओं को
अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह के मुताबिक, इस बार 75 जिला पंचायत अध्यक्षों में से 16 सीटें अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित होंगीं। इनमें छह सीटों पर महिलाओं का आरक्षण रहेगा। वहीं, पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षित 20 सीटों में से सात सीटें महिलाओं के लिए सुरक्षित होंगी। इसके अलावा 12 अन्य सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। इस तरह कुल 25 जिला पंचायतों की कमान महिला अध्यक्ष के हाथों में होगी।
15 मार्च के बाद साफ हो जाएगी स्थिति
नई आरक्षण नीति के हिसाब से कुल 58,194 ग्राम पंचायतों में से 19,659 गांवों में महिला प्रधान तथा 300 ब्लॉक प्रमुख चुनी जाएंगी। आपको बता दें कि 15 मार्च के बाद सभी सीटों पर आरक्षण की स्थिति साफ हो जाएगी और तभी चुनावी घमासान की सही तस्वीर भी सामने आएगी।