फतेहपुर: नगर पालिका परिषद ने बड़े ताम-झाम के साथ शहर में नाला-नाली सफाई का काम शुरू किया था। मगर, सोमवार को दोपहर बाद हुई पांच मिनट की बारिश ने फतेहपुर नगर पालिका परिषद के नाला-नाली सफाई की पोल खोल दी। चोक नालियों से जहां पानी सड़क किनारे एकत्रित हुआ तो वहीं लोगों को निकलने में भी दिक्कतें होती रहीं।
सोमवार सुबह 10 बजे के बाद शुरू हुई बारिश ने लोगों को घरों में कैद किया तो कुछ ही देर बाद सड़क किनारे जलभराव होना शुरू हो गया, जो बारिश के बंद होने के बाद तक भी बना रहा। काफी समय बाद लोगों के घरों का पानी नालियों से निकल पाया। यह स्थिति अभी सामान्य हुई ही थी कि दोपहर बाद एक बार फिर मौसम बिगड़ा और पांच मिनट की बारिश ने अस्त-व्यस्त कर दिया। नालियां उफनाकर सड़क के किनारे फुटपाथ के ऊपर से बहने लगीं।
लोगों को आवागमन में दिक्कतें
इससे सड़क पर निकलने वाले लोगों को लोगों के घरों से बहते पानी और नालियों के संक्रमित पानी से गुजर कर निकलना पड़ रहा था। कई जगह जलभराव की तो ऐसी स्थिति थी कि लोगों के घरों के ठीक सामने पानी भरा था। ऐसे में जिन्हें अपने घर से निकलना था वह भी अपने घरों में कैद रहे।
शहर के गंगानगर, झाऊपुर, अंदौली, शांतिनगर सहित तमाम जगहों पर ऐसा ही नजारा देखने को मिला। इन सबके बीच बड़ा सवाल यह है कि आखिर लाखों रुपये खर्च होने के बाद भी लोगों को जलभराव से निजात क्यों नहीं मिल पाई? क्या नालों-नालियों की साफ-सफाई केवल कागजों में होकर रह गई, यह एक जांच का विषय है?