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गंगा एक्सप्रेस वे परियोजना से 519 गांवों को लाभ, मुख्य सचिव ने दिए अहम निर्देश

गंगा एक्सप्रेस वे परियोजना को समय से पूरा करने का मुख्य सचिव ने दिया निर्देश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि, गंगा एक्सप्रेस वे परियोजना को निर्धारित समयावधि में पूरा कराएं। सोमवार को गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना की सचिव समिति की बैठक मुख्य सचिव की अध्यक्षता में संपन्‍न हुई, जिसमें परियोजना का प्रस्तुतीकरण किया गया।

मुख्य सचिव ने परियोजना के क्रियान्वयन के लिए विभिन्न कार्यों की समय-सारिणी निर्धारित करने के बाद कार्यवाही एवं प्रगति की नियमित एवं गहन समीक्षा किए जाने के निर्देश दिए।

गंगा एक्‍सप्रेस वे परियोजना से 12 जिले होंगे कवर

इससे पहले गंगा एक्सप्रेस वे परियोजना का प्रस्तुतीकरण करते हुए अपर मुख्य सचिव एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी यूपीडा अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि, एक्सप्रेस वे की प्रस्तावित लंबाई 594 किमी है, जो कि जनपद मेरठ के बिजौली गांव के पास से शुरू होकर जनपद प्रयागराज के जुडापुर दांदू गांव तक जाएगा। इस एक्सप्रेस वे से मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ एवं प्रयागराज सहित 12 जिलों कवर होंगे।

उन्‍होंने बताया कि, इस परियोजना से 519 ग्राम भी कवर होंगे और इस परियोजना की कुल लागत 36,230 करोड़ रुपये है। मेरठ जिले में पड़ने वाली लंबाई 15 किमी, हापुड़ में 33, बुलंदशहर में 11, अमरोहा में 26, संभल में 39, बदायूं में 92, शाहजहांपुर में 40, हरदोई में 99, उन्नाव में 105, रायबरेली में 77, प्रतापगढ़ में 41 और प्रयागराज में 16 किमी है।

छह लेन प्रस्‍तावित है गंगा एक्‍सप्रेस वे

एसीएस होम ने यह भी बताया कि, गंगा एक्सप्रेस वे का निर्माण 06 लेन (08 लेन में विस्तारणीय) प्रस्तावित किया गया है। आरओडब्ल्यू की चैड़ाई 120 मी, डिजाइन स्पीड 120 किमी/घंटा, जन सुविधा परिसर 09, मुख्य टोल प्लाजा 02 (मेरठ एवं प्रयागराज), रैंप टोल प्लाजा 15 प्रस्तावित किए गए हैं। गंगा नदी पर करीब 960 मीटर एवं रामगंगा नदी पर करीब 720 मीटर लंबाई के दीर्घ सेतु प्रस्तावित हैं।

उन्‍होंने बताया कि, शाहजहांपुर के पास हवाई पट्टी भी प्रस्तावित की गई है। इसके अलावा परियोजना के अंतर्गत 14 दीर्घ सेतु, 126 लघु सेतु, 929 कलवर्ट्स, सात आरओबी, 50 वीयूपी, 171 एलवीयूपी, 154 एसवीयूपी, 28 फ्लाईओवर्स, दो ट्रम्पेट, सात डबल ट्रम्पेट, आठ डायमण्ड इंटरचेन्ज, नौ वे साइड एमेनिटीज और 17 नोड डॅवलपमेन्ट प्रस्तावित किए गए हैं।

11 राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों का प्रतिभाग

बैठक में यह भी बताया गया कि, परियोजना के अन्तर्गत पीपीपी (टॉल) मोड पर डिजाइन, बिल्ड, फाइनेन्स, ऑपरेट एण्ड ट्रांसफर (डीबीएफओटी) पद्धति पर आमंत्रित ईओआई में 11 राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठित निवेशकों द्वारा प्रतिभाग किया गया है। और परियोजना के लिए 12 पैकेज को 04 ग्रुप (01 ग्रुप में 03 पैकेज) विभाजित करते हुए पीपीपी मोड पर आरएफक्यू/आरएफपी आमंत्रित किए जाने की कार्यवाही की जा रही है।

बैठक में आरएफपी डाक्यूमेन्ट में प्रस्तावित संशोधनों पर भी सचिव समिति द्वारा विचार-विमर्श किया गया और इस संबंध में मुख्य सचिव द्वारा तत्परता से आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए। इस दौरान अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त, अपर मुख्य सचिव औद्योगिक विकास, अपर मुख्य सचिव वित्त, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, प्रमुख सचिव नियोजन सहित सम्बन्धित सभी वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों आदि द्वारा प्रतिभाग किया गया।

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