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फतेहपुर: इस गांव में एक साल से खराब ट्रांसफार्मर गायब, मोमबत्‍ती के सहारे चल रहा मीटर   

फतेहपुर: इस गांव में एक साल से खराब ट्रांसफार्मर गायब, मोमबत्‍ती के सहारे चल रहा मीटर   

फतेहपुर: सौभाग्य योजना के तहत जिस गांव को रोशन किया गया था, वहां पर पिछले एक साल से बिजली नहीं पहुंच रही है। अधिकारियों ने अपनी जिम्मेदारी भी ऐसी निभाई की, उन्हें इसकी जानकारी तक नहीं है। ऐसे में ग्रामीणों के लिए सौभाग्य योजना दुर्भाग्य योजना बन गयी है। इन सबके बीच सैकड़ों ग्रामीण शाम होते ही अंधेरे में रहने को मजबूर हैं, जबकि विभाग की लापरवाही पर लोगों में गहरी नाराजगी है।

बिजली विभाग के अधिकारियों को न तो वरिष्ठ अधिकारियों का डर है और न ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का। तभी तो अतिमहत्वाकांक्षी सौभाग्य योजना की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। अब ऐसे क्यों हुआ इसका जवाब किसी के पास नहीं है। बस एक-दूसरे पर ठीकरा फोड़ा जा रहा है।

अंधेरे की मार झेल रहा सराय खालिस गांव

दरअसल, असोथर विकासखंड क्षेत्र के सराय खालिस गांव में सौभाग्य योजना के तहत लगभग 40 घरों में कनेक्शन दिए गए थे, जो करीब एक साल से उपेक्षा के शिकार हैं। गांव में रहने वाले चंद्र किशोर मौर्या के अनुसार, करीब एक साल पहले गांव में लोगों के यहां कनेक्शन किए गए। फिर कुछ दिन ट्रांसफार्मर चला, लेकिन उसके बाद धड़ाम हो गया। करीब एक साल होने को हैं, लेकिन फिर से ट्रासंफार्मर नहीं लगा।

फतेहपुर: इस गांव में एक साल से खराब ट्रांसफार्मर गायब, मोमबत्‍ती के सहारे चल रहा मीटर   

चंद्र किशोर ने बताया कि, मामले की जानकारी अधिकारियों तक पहुंचाई गई तो पता चला कि कोई ठेकेदार ट्रांसफार्मर ले गया है। लेकिन कौन सा ठेकेदार ले गया, यह किसी को नहीं पता। ऐसे में करीब 300 के आसपास की आबादी अंधेरे में रहने को मजबूर है।

फतेहपुर: इस गांव में एक साल से खराब ट्रांसफार्मर गायब, मोमबत्‍ती के सहारे चल रहा मीटर   

 

जिम्मेदारों की जिम्मेदारी की खुली पोल

विद्युत वितरण खंड तृतीय के अधिशाषी अभियंता मेघ सिंह से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि यह मामला उनके संज्ञान में नहीं है। ग्रामीणों ने उन्हें कोई जानकारी ही नहीं दी। कुछ देर के लिए मान भी लिया जाए कि ग्रामीणों ने जानकारी नहीं दी, लेकिन उनके अधीनस्थ अधिकारी कर्मचारी क्या करते हैं कि गांव में ट्रांसफार्मर तक गायब है और किसी को कोई जानकारी नहीं है? यह एक बड़ा सवाल है कि आखिर उनके कर्मचारियों ने गांव की समस्या को क्यों नहीं समझा?

तो क्या फील्ड पर नहीं जाते अवर अभियंता?

दरअसल, जिस मामले की जानकारी न होने का हवाला दिया जा रहा है उससे सवाल तो यह भी उठता है कि क्या विभाग के अवर अभियंता या उनके अधीनस्थ कर्मचारी फील्ड में जाते ही नहीं? क्योंकि फील्ड में जाने वाले अधिकारी-कर्मचारी को अपनी खामियां खूब पता होती हैं।

फतेहपुर: इस गांव में एक साल से खराब ट्रांसफार्मर गायब, मोमबत्‍ती के सहारे चल रहा मीटर   

 

आ रहा बिजली का बिल

कनेक्शन लेने वाले ने बताया कि, बिजली की लाइन खींच कर ट्रांसफार्मर रख दिए गए और बिजली का बिल भी आने लगा। लेकिन एक साल से ट्रांसफार्मर खराब होने के कारण ग्रामीण बिजली का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं। इसके बावजूद भी बिजली का बिल बराबर आ रहा है।

“मामले पर मुझे आजतक किसी ने कोई सूचना नहीं दी। लोगों को अपनी समस्याएं बतानी चाहिए थीं। आपके जरिए मामले की जानकारी मिली है। संबंधित को मौके पर भेजकर व्यवस्था को दुरुस्त किया जाएगा।”

मेघ सिंह, अधिशाषी अभियंता, विद्युत वितरण खंड तृतीय, खागा

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