उत्तर प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ के शपथ ग्रहण समारोह में कई दिग्गज नेता पहुंचे थे।
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जिसके चलते प्रशासन ने पहले से ही सुरक्षा के साथ साथ यातायात व्यवस्था को संभालने के लिए भी कड़े इंतेजाम किए गए थे। बावजूद इसके शपथ ग्रहण के बाद ट्रैफिक जाम के चलते गृह मंत्री अमित शाह के साथ साथ तमाम बड़े नेताओं को पैदल चलना पड़ा था। आम आदमी भी कई घंटों तक जाम में फंसा रहा।
जिस वजह से ध्वस्त हुई ट्रैफिक व्यवस्था पर मुख्य सचिव ने नाराजगी जताते हुए रविवार को समीक्षा बैठक बुलाई है। अब डीजीपी मुकुल गोयल ने लखनऊ के पुलिस अफसरों के साथ मीटिंग की है। माना जा रहा है कि पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर के खिलाफ शासन कोई कड़ी कार्रवाई कर सकता है।
रिपोर्ट के मुताबिक, योगी आदित्यनाथ का शपथ ग्रहण समारोह 25 मार्च के दिन अटल बिहारी वाजपई इकाना स्टेडियम में आयोजित किया गया था। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए आठ कंपनी अतिरिक्त पीएसी, पांच कंपनी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल व अन्य जिलों से लगभग 1500 पुलिसकर्मियों की तैनाती भी की गई थीं।
25 मार्च को योगी सरकार.2 शपथ समारोह में अमित शाह को पैदल चलने का मामला1
डीजीपी मुकुल गोयल ने लखनऊ पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर को किया तलब
बिहार CM नीतीश कुमार कार्यक्रम में 15 मिनट देर से पहुंचे थे
उमा भारती जाम की वजह से पहुंच नहीं पाई थी शपथ समारोह में pic.twitter.com/SDDirOiJ4d— आदित्य तिवारी / Aditya Tiwari (@aditytiwarilive) March 27, 2022
इसके अलावा अन्य सुरक्षा प्रबंध की यदि बात करें तो विभिन्न व्यवस्थाओं को संभालने के लिए 10 अतिरिक्त एसपी, 15 एएसपी व लगभग 30 सीओ भी तैनात रहीं थीं। इतना ही नहीं अन्य जिलों के 350 यातायात पुलिसकर्मियों को भी इकाना के आसपास, राजधानी के प्रमुख चैराहों व मार्गों पर तैनात किया गया था। इन सबके बावजूद शाम होते होते हालात बिगड़ने लगे।
गृहमंत्री अमित शाह सहित कई प्रदेश के मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्रियों को जाम में फंसने की वजह से गाड़ी छोड़कर पैदल कार्यक्रम स्थल तक जाना पड़ा था। किसी तरह पैदल चलकर कार्यक्रम में शामिल हो पाए। हालात खराब होने के बावजूद पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने मातहतों को कोई सख्त निर्देश नही दिया। आलम ये था कि लखनऊ पुलिस की इस लापरवाही को देखते हुए अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी और एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार को खुद ट्रैफिक संभालने के लिए सड़क पर उतरना पड़ा था।