गोरखपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद गोरखपुर में पुलिसकर्मियों पर बड़ी कार्रवाई की गई है। एसएसपी दिनेश कुमार पी. ने एक मकान के विवाद में दबंग को कब्जा कराने के आरोप के चलते शाहपुर थाने के इंस्पेक्टर आनंद प्रकाश समेत तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है। आरोप है कि थानेदार की दबंग कब्जेदार से सांठगांठ थी और इसीलिए वारदात के 6 घंटे बाद तक पुलिस मौके पर नहीं पहुंची।
क्या है पूरा मामला?
जिले के शाहपुर क्षेत्र के शक्तिनगर कॉलोनी में हृदयानंद सिंह एक मकान में रहते हैं। इस मकान पर लंबे समय से शिवेंद्र चौहान कब्जा करना चाहते थे। कब्जे को लेकर शिकवा-शिकायतों और मुकदमाबाजी का दौर भी जारी रहा। इसी बीच एक अगस्त को सुबह शिवेंद्र चौहान ने अपने गुर्गों के साथ जेसीबी लेकर मकान की बाउंड्री गिरा दी। हृदयानंद सिंह ने जब आरोपियों का विरोध किया तो सिंह और उनके परिजनों के साथ जबरदस्त मारपीट की गई।
इस मामले की सूचना हृदयानंद सिंह के परिजनों ने थाने पहुंचकर दी। इस वक्त थाने में प्रभारी निरीक्षक आनंद प्रकाश, हलका दरोगा सुनील मिश्रा और बाकी पुलिसकर्मी भी मौजूद थे। इसके बावजूद भी पुलिसवाले मौके पर अगले 6 घंटे तक नहीं पहुंचे। पुलिस की बेरुखी देखकर हृदयानंद सिंह ने एसएसपी दिनेश कुमार पी. से इस मामले में शिकायत की। एसएसपी ने सीओ गोरखनाथ रत्नेश सिंह को मौके पर भेजकर जांच कराई।
प्रभारी निरीक्षक समेत तीन पुलिसकर्मी सस्पेंड
सीओ की जांच में थाना प्रभारी और पुलिस स्टाफ की लापरवाही सामने आई, जिसके बाद तत्काल प्रभाव से एसएसपी ने थाने के प्रभारी निरीक्षक आनंद प्रकाश, हलका दरोगा सुनील मिश्रा समेत तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया। साथ ही आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी दिए गए हैं।
एसएसपी ने इस मामले में हृदयानंद सिंह की पत्नी शशिप्रभा की तहरीर के आधार पर छह नामजद व 40 अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया है। पुलिस ने मुख्य आरोपी शिवेंद्र चौहान और उसके साथी दीपक शर्मा को गिरफ्तार करके जेल भेजा है। वहीं, एसएसपी ने शाहपुर थाने का प्रभार प्रविंद्र राय को दिया है।