शिवनंदन सिंह, संवाददाता
लखीमपुर खीरी कांड के तीन महीने बाद एसआईटी की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। जांच टीम ने इसे हत्या की सोची समझी साजिश बताते हुए मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा समेत सभी आरोपियों पर कई संगीन धाराएं बढ़ा दी हैं।
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इसमें धारा 307, 326 और 34 शामिल है। इसके साथ ही एसआईटी ने बढ़ाई गई धाराओं में आरोपियों की रिमांड लेने के लिए कोर्ट में अर्जी दी है। इस अर्जी पर कोर्ट ने मंगलवार को आरोपियों को तलब किया है। एसआईटी ने विवेचना के दौरान यह भी पाया है कि आरोपियों पर धारा 304ए, 279और 338 का अपराध नहीं बनता है। एसआईटी ने मुकदमे से धारा 304ए, 338 और 279 को हटा दिया है।
SIT ने आरोपियों पर बढ़ाई धाराएं
SIT ने जांच में पाया कि जेल में बंद सभी आरोपियों ने धारा 307, धारा 326 (अंग भंग करना) और धारा 34 (एक राय) का अपराध किया है। एसआईटी ने मुकदमे में धारा 34, 307 और 326 बढ़ा दी है। विवेचक ने बढ़ाई गई धाराओं में आरोपियों की रिमांड लेने के लिए कोर्ट में अर्जी दी है। मुख्य जांच अधिकारी विद्याराम दिवाकर ने साफ किया है यह लापरवाही और उपेक्षापूर्वक गाड़ी चलाते हुए दुर्घटनावश मृत्यु का का मामला नहीं है, बल्कि सोची समझी साजिश के चलते भीड़ को कुचलने, हत्या करने, हत्या की कोशिश के साथ ही अंगभंग करने की साजिश का मामला है।
हादसा का नहीं है मामला
एसआईटी के मुख्य जांच अधिकारी विद्याराम दिवाकर ने स्पष्ट बता दिया है कि यह लापरवाही व उपेक्षापूर्वक गाड़ी चलाते हुए दुर्घटनावश मृत्यु का का मामला नहीं है। यह सोची-समझी साजिश है। साजिश के चलते भीड़ को कुचलने, हत्या करने, हत्या की कोशिश के साथ ही अंग भंग करने की साजिश का मामला है। 3 अक्टूबर को हुई लखीमपुर के इस कांड में चार किसानों को कार से रौंद दिया गया था। कार से रौंदने के बाद हिंसा हुई जिसमें एक पत्रकार सहित चार लोगों की मौत हो गयी। लखीमपुर कांड में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हुई थी।