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कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के जरिये, पूर्वी उत्तर प्रदेश के विकास का रनवे तैयार

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कुशीनगर, 18 अक्टूबर,   वैश्विक ऐतिहासिक महत्व के बावजूद दशकों तक उपेक्षा और पिछड़ेपन का दंश झेलने वाला कुशीनगर जिला पूर्वी उत्तर प्रदेश के विकास का नया ‘रनवे’ बनने को तैयार है।
सांस्कृतिक संबंधों का ‘टेकऑफ, पर्यटन से विकास की ‘लैंडिंग’:
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सांस्कृतिक संबंधों के ‘टेकऑफ’ तथा पर्यटन से विकास की ‘लैंडिंग’ का एयरपोर्ट पीएम मोदी के हाथों विश्व समुदाय को समर्पित कर दिया जाएगा।
इसके साक्षी बनेंगे श्रीलंका के राष्ट्रपति, कई बौद्ध देशों के भिक्षु और दर्जनों देशों के प्रमुख राजनयिक। इसी दिन कुशीनगर के राजकीय मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास कर पीएम यहां के लोगों को बेहतरीन चिकित्सा व चिकित्सा शिक्षा संस्थान का भी उपहार देंगे।
20 अक्टूबर को एयरपोर्ट का लोकार्पण व राजकीय मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास करेंगे पीएम मोदी:
कुशीनगर में 20 अक्टूबर को प्रधानमंत्री के हाथों लोकार्पित होने जा रहे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को अस्तित्व में लाने का एकमात्र श्रेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दिया जाए तो कतई अतिशयोक्ति नहीं होगी। आजादी के सात दशक तक अहिल्या की तरफ इंतज़ार की मुद्रा वाली इस शिला के उद्धार का काम 2017 में योगी के सीएम बनने के बाद ही शुरू हुआ।
विकास को नई उड़ान देने को भी तैयार :
अब यह एयरपोर्ट देश के सांस्कृतिक संबंधों की वैश्विक मजबूती, पर्यटन और इसके जरिये रोजगार और निवेश यानी समग्र विकास को नई उड़ान देने को भी तैयार है। अंतरराष्ट्रीय उड़ान की सेवा से कुशीनगर ही नहीं, समूचे पूर्वी उत्तर प्रदेश में पर्यटकों की आमद बढ़ेगी। इससे होटल, रेस्टोरेंट, ट्रैवेल एजेंसी, गाइड जैसी सेवाओं की मांग तेजी से बढ़ेगी और इन क्षेत्रों में नए लोग रोजगार पा सकेंगे।
इमिग्रेशन ब्यूरो के आंकड़े बताते हैं कि बीते पांच सालों में 18 प्रमुख बौद्ध देशों से 42.17 लाख पर्यटक कुशीनगर आए। अब जबकि पर्यटकों को सीधी एयर कनेक्टिविटी मिलेगी तो इस संख्या में औसतन 20 प्रतिशत की वृद्धि स्वाभाविक लगती है।
एयर कनेक्टिविटी होने से बौद्ध देशों से यहां आने वाले पर्यटकों को आने में होगी आसानी:
कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट निवेश के बड़े प्लेटफार्म के रूप में भी तैयार हुआ है। सीधी एयर कनेक्टिविटी होने से बौद्ध देशों से यहां आने वाले पर्यटकों में बड़ी संख्या वहां के उद्यमियों व बड़े व्यापारियों की भी होगी। यहां आकर वह करीब 50 किमी की दूरी पर गोरखपुर एयरपोर्ट, फोरलेन सड़कों के सुदृढ़ संजाल और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवेलपमेंट के भी साक्षी बनेंगे।
योगी सरकार की पारदर्शी निवेश नीति और सुरक्षा की गारंटी: 
पूर्वी उत्तर प्रदेश पर्याप्त श्रम शक्ति वाला क्षेत्र है, उस पर योगी सरकार की पारदर्शी निवेश नीति और सुरक्षा की गारंटी उन्हें इस अंचल में निवेश करने को भी प्रोत्साहित करेगी। इसके अलावा पूर्वी उत्तर प्रदेश के अपने खास उत्पाद भी पर्यटकों की नजर में आकर अपनी वैश्विक पहचान बना सकेंगे। टेराकोटा शिल्प की मूर्तियों, कालानमक चावल व केले के फाइबर से बने उत्पादों का बाजार और विस्तारित होगा।
अपने जीवनकाल में महापरिनिर्वाण स्थली का दर्शन हर बौद्ध की इच्छा:
कुशीनगर तथागत बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली है। बौद्ध अनुयायियों के लिए महातीर्थ। दुनिया के किसी भी कोने में रहने वाले बौद्ध धर्म के हर अनुयायी की इच्छा अपने जीवनकाल में कम से कम एक बार महापरिनिर्वाण स्थली के दर्शन-पूजन की होती है।
उनकी इस इच्छापूर्ति में आवागमन की बाधा को केंद्र सरकार के मार्गदर्शन में प्रदेश की योगी सरकार ने पूरी तरह दूर कर दिया है। कुशीनगर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा क्रियाशील हो जाने से अनेकानेक देशों के बुद्ध के उपासकों को सीधे यहां पहुंचना बेहद आसान हो गया है।
लोकार्पण समारोह की हर व्यवस्था पर सीएम योगी की नजर:
20 अक्टूबर को पीएम मोदी के हाथों लोकार्पित होने जा रहे कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहली इंटरनेशनल फ्लाइट की लैंडिंग व टेकऑफ श्रीलंका के राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे के विमान की होगी।
उनके साथ 25 सदस्यीय प्रतिनधिमण्डल व 100 प्रमुख बौद्ध भिक्षु भी रहेंगे। साथ ही कई देशों के राजदूत भी एयरपोर्ट के उद्घाटन समारोह में आमंत्रित किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री व विदेश से आने वाले अति विशिष्ट अतिथि यहां महात्मा बुद्ध के महापरिनिर्वाण मंदिर भी दर्शन-पूजन करने जाएंगे।
इसी दिन यहां तीन दिवसीय इंटरनेशनल बुद्धिष्ट कॉन्क्लेव भी शुरू होगा। अंतरराष्ट्रीय स्तर के इन कार्यक्रमों को भव्यतम बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हर व्यवस्था पर सीधी नजर रखे हुए हैं।
प्रदेश का सबसे लंबा रनवे वाला एयरपोर्ट
कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्रदेश का सबसे लंबा रनवे वाला (3.2 किमी लंबा व 45 मीटर चौड़ा) एयरपोर्ट है। इसके रनवे की क्षमता 8 फ्लाइट (4 आगमन, 4 प्रस्थान) प्रति घंटा है। एयरपोर्ट पर ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि यहां दिन ही नहीं रात में भी उड़ान संभव रहे। इसकी अंतरिम पैसेंजर टर्मिनल बिल्डिंग 3600 वर्गमीटर में बनी हुई है और इसकी पीक ऑवर पैसेंजर क्षमता 300 की है।
24 जून 2020 को केंद्रीय कैबिनेट ने इसे अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट घोषित:
इस ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के लिए 5 मार्च 2019 को उत्तर प्रदेश सरकार और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के बीच एमओयू हस्ताक्षरित हुआ था और 10 अक्टूबर 2019 को प्रदेश सरकार ने इस एयरपोर्ट को एयरपोर्ट अथॉरिटी को हैंडओवर किया। योगी सरकार की पहल पर 24 जून 2020 को केंद्रीय कैबिनेट ने इसे अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट घोषित किया।
कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से इन जगहों के लिये भर सकेंगे उड़ान  :
व्यावहारिक रूप से अंतरराष्ट्रीय उड़ान की सभी बाधाएं तब दूर हो गईं जब 22 फरवरी 2021 को डीजीसीए ने इसे लाइसेंस प्रदान किया। कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से श्रीलंका, जापान, चीन, ताइवान, दक्षिण कोरिया, थाईलैंड, सिंगापुर, वियतनाम समेत दर्जनों दक्षिण पूर्व एशियाई देशों से सीधी एयर कनेक्टिविटी होगी।
बौद्ध उपासकों को महापरिनिर्वाण स्थली का दर्शन करने में काफी आसानी होगी:
इससे इन देशों के पर्यटकों, बौद्ध उपासकों को महापरिनिर्वाण स्थली का दर्शन करने में काफी आसानी होगी। अंतरराष्ट्रीय उड़ान की इस सेवा से बौद्ध सर्किट के चार प्रमुख तीर्थो लुम्बिनी, बोधगया, सारनाथ, कुशीनगर व अन्य तीर्थो श्रावस्ती, कौशाम्बी, संकिशा, राजगीर, वैशाली की यात्रा भी पर्यटक कम समय में कर सकेंगे।
कुशीनगर में मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास भी करेंगे पीएम
20 अक्टूबर का दिन कुशीनगर के लोगों के लिए उपलब्धियों की सौगात वाला दिन होगा। अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का लोकार्पण होगा तो साथ ही चिकित्सा के क्षेत्र में भी उन्हें बेहतरीन उपहार मिलेगा। इसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां राजकीय मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास करेंगे।
करीब पौने तीन अरब रुपये की लागत से मेडिकल कॉलेज बनने से मिलेगा अच्छा इलाज
यह इस लिहाज से भी बेहद महत्वपूर्ण है कि कुशीनगर जिला 2017 के पहले तक इंसेफेलाइटिस से सर्वाधिक प्रभावित इलाका था। योगी आदित्यनाथ के सीएम बनने के बाद पूर्वांचल के मासूमों के लिए मौत का पर्याय रही इस बीमारी पर समन्वित प्रयासों से काबू पाया गया है। करीब पौने तीन अरब रुपये की लागत से मेडिकल कॉलेज बन जाने पर यहां के लोगों को उच्चीकृत इलाज के लिए अन्य शहरों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।
सांस्कृतिक संबंधों का ‘टेकऑफ, पर्यटन से विकास की ‘लैंडिंग’

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