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PWD को नहीं पता फतेहपुर में कितने जर्जर भवन, नाराज डीएम ने कहा…

PWD को नहीं पता फतेहपुर में कितने जर्जर भवन, नाराज डीएम ने कहा...

फतेहपुर: फतेहपुर में लोक निर्माण विभाग (PWD) की जिम्मेदारी तो देखिए कि उसे अपने जिले में जर्जर भवनों की संख्या ही नहीं पता। ऐसे में जब बारिश शुरू हो चुकी है तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। गौरतलब है कि बीते दिनों चौक और राधानगर में जर्जर भवन एयर दीवार गिर गयी। हालांकि, इससे कोई घायल तो नहीं हुआ लेकिन बड़ी घटना होने की पूरी संभावना थी। लोक निर्माण विभाग की लापरवाही के चलते जिले के जर्जर भवन कभी भी धराशायी हो सकते हैं। मामले पर जिलाधिकारी अपूर्वा दुबे ने बताया कि जल्द ही बैठक कर ऐसे भवनों को चिन्हित किया जाएगा।

जिले की कई इमारतें 100 साल से ज्‍यादा पुरानी

गाजियाबाद में जनवारी माह में शमशान की छत गिरने के कई लोगों की मौत हो गयी थी। इसी के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में सभी जर्जर भवनों को चिन्हित करने के निर्देश दिए थे। फतेहपुर जिले में भी कई ऐसी इमारतें हैं, जो 100 साल से ज्यादा अपनी आयु पूरी कर चुकी हैं। साथ ही उनकी हालत भी जीर्णशीर्ण हो चुकी है। ऐसे भवनों में कहीं दुकानें खुली हैं तो कहीं सपरिवार लोग रह रहे हैं। इस तरह लोगों की जान-माल दोनों खतरे में हैं।

भवनों को चिन्हित करने का काम तकनीकी माना गया है, इसीलिए पीडब्ल्यूडी को यह काम दिया गया था। क्योंकि उनके पास अभियंता और वरिष्ठ अभियंता सहित उपकरण और टीम सब होती है। लेकिन इस काम में पीडब्ल्यूडी का मन नहीं रमा, तभी तो विभागीय सहायक अभियंता ज्वालाप्रसाद ने बताया कि उनके पास जर्जर भवनों की कोई संख्या नहीं है। उन्होंने एक अजीब बात भी बताई। उनका कहना था कि जर्जर भवन वाले खुद उन्हें सूचना देंगे फिर वह जांच करेंगे। हालांकि, सूचना देने वाले ऐसे कितने मामले आये उन्हें इसकी भी जानकारी नहीं है।

पीडब्ल्यूडी के ठीक पीछे जर्जर भवन

पीडब्ल्यूडी विभाग के नाकारापन की पराकाष्ठा तो देखिए कि उसे एक भी जर्जर इमारत नहीं मिल रही है, जबकि पीडब्ल्यूडी विभाग के ठीक पीछे ही 100 साल से ज्यादा पुरानी इमारत है। इसमें पंचायत लेखा का कार्यालय है। यह इमारत जर्जर है, लेकिन पीडब्ल्यूडी को नहीं पता। ऐसे ही जिला अस्पताल में भी कई जर्जर इमारतें हैं, लेकिन जिसे काम ही नहीं करना उसे क्या दिखाई देगा।

जिलाधिकारी ने जतायी नाराजगी

जर्जर भवनों के चिन्हांकन पर जिलाधिकारी अपूर्वा दुबे ने बताया कि, लॉकडाउन के पहले जर्जर भवनों का चिन्हांकन शुरू हुआ था लेकिन कोरोना काल की वजह से यह पिछड़ गया। पीडब्ल्यूडी को चिन्हित भवनों की जानकारी न होने पर उन्होंने नाराजगी भी जताई। डीएम ने जल्द ही जर्जर भवनों को चिन्हित करने की बात कही है।

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