कासगंजः प्रदेश की सरकार एक ओर जहां स्वास्थ्य सेवाओं को उपलब्ध कराने का दम भरती है तो वहीं कुछ आला अधिकारियों की लापरवाही के चलते सरकार के काम काज पर पलीता लगाया जा रहा है। ताजा मामला कासगंज जिले का है, जहां एंबुलेंस में ऑक्सीजन खत्म होने से एक मरीज की मौत हो गई।
दरअसल, कासगंज के सरकारी अस्पातल से एक मरीज को अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर किया गया। महज 5 किलोमीटर दूर जाने पर ही एंबुलेंस का ऑक्सीजन खत्म हो गया। ऑक्सीजन के खत्म होने से मरीज काफी देर तक एंबुलेंस में तड़पता है और फिर उसने दम तोड़ दिया। यही नहीं, मरीज की मौत होते ही चालक और हेल्पर मौके से फरार हो गए। मृतक नंदकुमार सोरो थाना अंतर्गत ग्राम गड़रपुरा का रहने वाला था।
सीएचसी से रेफर किया था अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज
मृतक की मां शकुंतला देवी ने बताया कि, उनके बेटे नंद किशोर को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी, इसलिए उसे गुरुवार दोपहर को कासगंज के जिला अस्पताल में भर्ती कराया था। जहां से उसे बेहतर इलाज के लिए कासगंज के ही एक दूसरे सरकारी अस्पताल अशोकनगर सीएचसी में रेफर कर दिया गया। यहां हालत में सुधार नहीं होने के चलते अशोक नगर सीएचसी से बेटे नंदकिशोर को सरकारी एंबुलेंस से अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर किया गया।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि, यहां से कुछ पांच किलोमीटर की दूरी पर निकलते ही एंबुलेंस में लगे सिलिंडर की ऑक्सीजन खत्म हो गई। परिजनों के सामने ही मरीज ने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया। वहीं, मृतक के भाई का आरोप है कि सरकारी एंबुलेंस के ड्राइवर ने उनसे 1200 रुपये भी मांगे थे।
सीएमओ बोले- जांच कराई जाएगी
वहीं, इस घटना पर कासगंज सीएमओ ने बताया कि ऑक्सीजन की कमी के चलते जिस मरीज की रास्ते में मौत हुई है, वह पूर्व से ही टीबी का मरीज था। उसकी हालत बेहद क्रिटिकल थी, इसलिए उसे कासगंज से अलीगढ़ को रेफर किया गया था। जहां तक एंबुलेंस में ऑक्सीजन खत्म होने का सवाल है तो इस मामले की गंभीरता से जांच कराई जाएगी। वैसे एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल के बाद नए ड्राइवर की भर्ती हुई है। नए ड्राइवर अभी पूरी तरह से प्रशिक्षित नहीं हैं, इसलिए भी इस तरह की घटना होना संभव है।