मुरादाबाद: उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के कारण कई नौनिहालों ने अपनों को खो दिया। ऐसे में प्रदेश सरकार ने उनकी सहायता करने का फैसला लिया। वहीं, हाल के दिनों में मुख्यमंत्री कार्यालय में एक नाबालिग बेटी का फोन आया, जिसने अधिकारियों से अपने दर्द को बयां किया।
नाबालिग बेटी ने सीएम ऑफिस में फोन करके अधिकारियों को बताया कि, उसके सिर से माता-पिता का साया उठ चुका है। उसका घर भी टूटा पड़ा है। घर का दरवाजा तक नहीं है और ऐसे में रात होते पर उसे अनजाना डर सताने लगता है। 15 वर्षीय किशोरी की बात सुनने के बाद अधिकारी एक्टिव हो गए और उन्होंने जिलाधिकारी को फोन करते हुए हर संभव सहायता पहुंचाने के निर्देश दिए।
प्रशासन ने बनवाई घर की छत, लगवाया दरवाजा
उधर, शासन से मिले निर्देश के बाद जिलाधिकारी ने प्रशासनिक अधिकारियों ने भेजकर नाबालिग बेटी से संपर्क किया। इसके बाद सक्रियता दिखाते हुए उसके घर की छत, फर्श बनवाई गई और साथ ही घर में दरवाजा लगवाने का कार्य किया गया।
दरअसल, एक परिवार दिल्ली रोड स्थित लाइनपार क्षेत्र में चाऊ की बस्ती में रहता है। यहां मजदूरी करके मां-बाप इकलौती बेटी राखी की पढ़ाई कराते थे। मगर, कोरोना महामारी की दूसरी लहर में इस परिवार की खुशियां भी छीन लीं। बीती 25 अप्रैल को कोविड के कारण मां की मौत हो गई और ठीक एक महीने बाद 29 मई पिता भी छोड़कर चले गए। इससे बेटी को सहारा देने के लिए कोई नहीं बचा। हालांकि, दूर के रिश्तेदार जरूर उसे सहायता पहुंचाने का काम कर रहे थे।
हर महीने मिलेगी 4000 रुपए की मदद
हालांकि, बेटी घर में खुद को असुरक्षित महसूस कर रही थी। बीते दिनों एक मीडियाकर्मी की मदद से राखी ने सीधे सीएम योगी आदित्यनाथ के ऑफिस में फोन किया और मदद मांगी। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह को फोन करके तत्काल सहायता के निर्देश दिए थे। इसके बाद डीएम ने प्रोबेशन विभाग के अधिकारियों को भेजा और बाल सेवा योजना के अंतर्गत बेटी को 4000 रुपये प्रतिमाह देने की व्यवस्था को सुनिश्चित कराई। इसके अलावा डूडा की योजना के जरिए बेटी के घर की टूटी छत, फर्श का निर्माण कार्य कराया और घर में दरवाजा लगवाने का भी काम किया गया।