फतेहपुर: मेडिकल स्टोर वाले किस तरह नगरवासियों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं, इसका नजारा देखने को मिल रहा है। ये लोग मेडिकल स्टोर में खराब हुई दवाइयों आदि को खुलेआम सड़क के किनारे फेंकते हैं और लोगों के जीवन से खेलते हैं।
यहां आसपास कूड़ा होने की वजह से यदि किसी कारण आग लग गई तो दवाइयों के जलने से बहुत से रासायनिक पदार्थ धुएं से मिलकर लोगों को बीमार बना सकते हैं। इतना ही नहीं सड़क पर घूम रहे निराश्रित पशु भी इसे खाकर गंभीर बीमारी के शिकार हो सकते हैं। ऐसे में नगर पालिका परिषद को मेडिकल वेस्ट फेंकने वालों पर कठोर कार्यवाई करनी ही होगी, जिससे लोगों की सेहत से खिलवाड़ न हो सके।
पीएसी बांउड्री लाइन के पास फेंका मेडिकल वेस्ट
गाजीपुर बस स्टैंड से पुलिस अधीक्षक कार्यालय जाने वाले मार्ग पर पीएसी बाउंड्री लाइन के पास बड़ी मात्रा में दवाइयां, ब्लड, कॉटन, पट्टी समेत अन्य मेडिकल वेस्ट एक गड्ढे में फेंका गया था। जिससे आसपास के लोगों के बीमार होने या उनको संक्रमक रोग होने का खतरा है। मामले की जानकारी पर नगर पालिका के सफाई एवं खाद्य निरीक्षक राकेश कुमार गौड़ ने टीम को मौके पर भेजकर जानकारी करवाई, जिसपर मेडिकल वेस्ट कचरा खुले में फेंकने का मामला सामने आया। टीम ने तत्काल मेडिकल वेस्ट हटवाया और फिर उसे मलका कूड़ा डंपिंग जोन में गड्ढा करके मिट्टी के नीचे दबाकर निस्तारित किया।
सफाई निरीक्षक ने बताया कि, पता किया जा रहा है कि आखिरकार इसे किसने फेंका। क्योंकि पास में ही कई मेडिकल स्टोर हैं, ऐसे में हो सकता है कि यह सब वहीं से आया हो। लेकिन यह जांच का विषय है। इन सबके बीच यह तो स्पष्ट है कि कहीं न कहीं से मेडिकल वेस्ट लाकर घनी बस्ती के बीच फेंका गया। आपको बता दें कि मेडिकल वेस्ट को निस्तारित करने के लिए बाकायदा नियम भी बनाएं गए हैं, लेकिन कुछ मेडिकल स्टोर वाले लोगों की सेहत से खिलवाड़ कर उनकी जान से खेल रहे हैं, तभी उनके लिए सारे नियम कायदे ठेंगे से है।
मेडिकल वेस्ट न फेंकने का दिया था शपथ पत्र
नगर पालिका के सफाई निरीक्षक राकेश कुमार गौड़ ने बताया कि, नगरीय सीमा में आने वाले सभी मेडिकल स्टोर वालों ने विभाग में एक शपथ पत्र दिया था। जिसमें उन्होंने कहा है कि वह अपना मेडिकल वेस्ट कानपुर की मेडिकल वेस्ट का निस्तारण करने वाली कंपनी को देते हैं। हालांकि, भारी मात्रा में दवाइयां मिलने के बाद उन्होंने फिर से जांच करवाने की बात कही है।