लखनऊ: प्रदेश के न्यायिक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान गोमती नगर द्वारा रविवार को विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो), पुलिस एवं अभियोजन विभाग के वरिष्ठ अधिकारीगण और पॉक्सो वादो में पैरवी के लिए विशेष लोक अभियोजकगण के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन न्याय एवं गृह विभाग के सहयोग से आयोजित किया गया।
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पॉक्सो वादो की पैरवी के लिए नियुक्त विशेष लोक अभियोजकगणों को अद्यतन विधिक व्यवस्थाओं से अवगत कराना, व्यावहारिक कठिनाइयों का निराकरण एवं उनको ऐसे मामलों के प्रति और संवेदनशील बनाना था, जिससे इस अधिनियम के तहत संस्थित मामलों का निस्तारण शीघ्र हो सके और अपराधियों को अधिकतम सजा दिलाई जा सके।
अपराधियों को अधिकतम सजा दिलाने की कोशिश
संस्थान के अध्यक्ष न्यायमूर्ति महबूब अली ने कार्यक्रम में भाग ले रहे अधिकारियों का आवाह्न करते हुए लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के महत्पवूर्ण प्रविधानों पर प्रकाश डाला और उनका संवेदनशीलता के साथ विधि सम्मत क्रियान्वयन करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि, पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज अभियोगों में प्रभावी पैरवी कर अपराधियों को अधिकतम सजा दिलाने के प्रयास अभियोजन अधिकारियों द्वारा किए जाएं।
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने प्रतिभागी अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि, बालक राष्ट्र के धरोहर है, जिनका संवर्धन, संरक्षण एवं विकास हम सभी का दायित्व है। उन्होंने कहा कि, लैंगिक अपराधों से बालकों के संरक्षण अधिनियम में इसके अन्तर्गत आने वाले सभी पहलुओं को ध्यान में रखा गया है और यह अपने आप में परिपूर्ण अधिनियम है। उन्होंने बालकों के संरक्षण एवं विकास के सम्बन्ध में शासन की स्पष्ट मंशा पर भी बल दिया और पॉक्सो वादो की पैरवी के लिए नियुक्त विशेष लोक अभियोजकगणों से पूर्ण निष्ठा, योग्यता एवं संवेदनशीलता के साथ कार्यवाही किये जाने का आहवाहन किया।
इन्होंने भी रखे अपने विचार
उद्घाटन सत्र के प्रारम्भ में संस्थान के निदेशक राम मनोहर नारायण मिश्रा द्वारा सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए अपने विचार रखे गये। इस अवसर पर प्रमुख सचिव न्याय प्रमोद कुमार श्रीवास्तव, अपर पुलिस महानिदेशक अभियोजन आशुतोष पाण्डेय आदि ने भी प्रशिक्षणार्थी अधिकारीगणों को संबोधित किया।
लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 विषयक इस एक दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुपालन में प्रदेश शासन के निर्देश पर किया गया। इस एक दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम में संस्थान के संकाय अधिकारियों एवं अतिथि वक्ताओं द्वारा मनोविज्ञान, चिकित्सकीय विधि विज्ञान एवं अन्य लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के विभिन्न महत्वपूर्ण पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई।