लखनऊ: उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति लेकर आई योगी सरकार ने किसी को माफी नहीं दी बल्कि सभी को सजा दी है। प्रदेश में भ्रष्टाचार को लेकर बड़े से लेकर छोटे अधिकारियों व कर्मचारियों तक पर कार्रवाई की गई है।
50 पीसीएस अधिकारी भी शिकंजे में
राज्य में भ्रष्टाचार मामले में करीब 50 पीसीएस अधिकारी शिकंजे में आए तो वहीं, 2100 से ज्यादा अधिकारी और कर्मचारी सलाखों के पीछे पहुंचे। इसमें घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तारी के 43 फीसदी मामलों में पैरवी कर सजा भी दिलाई गई।
280 रिश्वतखोर सलाखों के पीछे
भ्रष्टाचार मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो ने 280 लोगों को सलाखों के पीछे भेजा और 45 लाख नगद रुपए भी बरामद किए। इसमें रिश्वत लेते रंगे हाथ 35 पुलिसकर्मी और अन्य विभागों के करीब 245 कर्मचारी गिरफ्तार किए।
222 पुलिसकर्मियों पर भी कार्यवाही
एंटी करप्शन ने साढ़े चार साल में करीब 660 मामले निस्तारित किए। इसमें पुलिस विभाग के 222, दूसरे विभागों के 515 और 50 आम लोगों पर भी भ्रष्टाचार को लेकर कार्यवाही हुई। पुलिस के 91 अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ चार्जशीट, 57 के खिलाफ मुकदमे, 38 के खिलाफ विभागीय कार्यवाही और 28 के खिलाफ जांच हो रही है। इसके अलावा भ्रष्टाचार के मामलों में 30 सरकारी अधिकारियों को सश्रम कारावास और अर्थदंड की सजा भी दी गई है।