उतर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ तथा माननीय जनपद न्यायाधीश, मथुरा राजीव भारती के निर्देशानुसार आज यानि शनिवार को चैतन्य महिला स्थित रास विहारी व लीलाकुंज महिला आश्रय सदनों का निरीक्षण एवं विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया।
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इस निरीक्षण एवं विधिक साक्षरता शिविर की अध्यक्षता सोनिका वर्मा, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मथुरा द्वारा की गयी। इस अवसर पर आश्रय सदनों की किरन दुबे व श्रीमती रंजना गुप्ता उपस्थित रहीं।
निरीक्षण के दौरान अधीक्षिकाओं ने बताया गया कि आज रासविहारी व लीलाकुंज महिला आश्रय सदनों में कुल 65 प्रतिशत विधवा माताएं पंजीकृत हैं। जिनमें से 42 माताएं उपस्थित हैं तथा 23 माताएं अवकाश पर हैं। माताओं को महिला कल्याण निगम द्वारा 1,850 रूपये प्रतिमाह सीधे उनके बैंक खाते में भेजे जाते हैं। प्रदेश सरकार की ओर से 1000 रूपये प्रतिमाह वृद्धा व विधवा पैंशन प्राप्त होती है।
माताओं को अक्षयपात्र संस्था की ओर से प्रतिदिन सुबह का भोजन मिलता है। सभी माताओं के अंत्योदय राशनकार्ड बनें हैं। फरवरी माह 2022 में माताओं को 20 किलो गेहूं 15 किलो चावल, 01 किलो रिफाइंड, काले चने निशुल्क प्राप्त कराए गए हैं। राज्य सरकार द्वारा कोरोनाकाल में विगत 10 माह से निःशुल्क 05 किलो अनाज भी प्राप्त हो रहा है। महिला कल्याण निगम के द्वारा सदन में कॉमन किचिन का निर्माण कार्य कराया गया है।
कोविड-19 के दृष्टिगत अधीक्षिकाओं द्वारा बताया गया कि उक्त सदनों की सभी माताओं को वैक्सीन लग चुकी है। सदन में निवासरत माताओं का 2 फरवरी 2022 को कोविड-19 टेस्ट कराया गया था। वर्तमान में कोई माता कोरोना पॉजिटिव नहीं है।
अधिकारियों ने बताया गया कि उपरोक्त सदनों की माताओं को कोविड-19 के प्रति समय-समय पर जागरूक किया जाता है। परिसर व सभी कक्षों को समय-समय पर नगर निगम अथवा सदनों के कर्मचारियों द्वारा सैनेटाइज किया जाता है। सभी माताओं को मास्क, साबुन, सैनेटाइजर प्राप्त करवा दिये गये हैं। यदि कोई माता जनपद से बाहर अपनें रिश्तेदारों के यहाँ कुछ दिनों के लिए जाती है तो उस माता की कोविड रिपोर्ट नेगेटिव आनें पर ही सदन में प्रवेश दिया जाता है।
उक्त सदनों के निरीक्षण दौरान सचिव सुश्री सोनिका वर्मा द्वारा कोरोना से बचने हेतु माताओं व कर्मचारियों को बताया गया कि इस महामारी के दौर में माननीय उच्च न्यायालय तथा केंद्र व राज्य सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन करना हम सब का कर्तव्य है। माताओं व सदनों के कर्मचारियों के हित के लिए मास्क, सैनिटाइजर का प्रयोग व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना तथा सभी का समय-समय पर हाथ धोते रहना अति आवश्यक है।