उ.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ तथा माननीय जनपद न्यायाधीश, मथुरा राजीव भारती के निर्देशानुसार आज जिला कारागार, मथुरा का निरीक्षण एवं विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया।
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इस निरीक्षण एवं विधिक साक्षरता शिविर की अध्यक्षता सोनिका वर्मा, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मथुरा द्वारा की गयी। इस अवसर पर जिला कारागार मथुरा के अधीक्षक श्री बृजेश कुमार, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डा० उपेन्द्र सोलकी, चिकित्सा अधिकारी डा० उत्पल सरकार, डिप्टी जेलर श्री संदीप कुमार व अनूप कुमार, जेल फार्मासिस्ट श्री रमाकान्त वर्मा, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा नियुक्त जेल विजिटर ताराचन्द एडवोकेट, बदी पराविधिक स्वंय सेवकगण आदि उपस्थित रहे। जिला कारागार मथुरा में आज निरीक्षण दौरान कुल 1692 बंदी निरूद्ध होना पाया गया।
सर्वप्रथम जिला कारागार, मथुरा में विधिक साक्षरता शिविर की अध्यक्षता करते हुए सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मथुरा सोनिका वर्मा द्वारा उपस्थित बंदियों को शराब, तम्बाकू व ड्रग से होने वाले नुकसान के सम्बंध में जानकारी दी गई। सुश्री वर्मा द्वारा बताया गया कि शराब का आपके शरीर पर पहले इस्तेमाल वाले दिन से ही प्रभाव शुरू हो जाता है। आमतौर पर लोग मानते हैं कि शराब से व्यक्ति को कैंसर होता है। लेकिन इससे अलग भी शराब का आपके मन मस्तिष्क पर गहरा विपरीत प्रभाव पड़ता है। शराब पीने से आपके पाचन तंत्र को नुकसान हो सकता है और आपकी आँतों को भोजन को पचाने और पोषक तत्वों और विटामिन को अवशोषित करने से रोका जा सकता है। परिणामस्वरूप कुपोषण हो सकता है। शराब आपके दिल और फेंफड़ों को प्रभावित कर सकती है। शराब आपके मस्तिष्क और आपके शरीर के बीच संचार को कम कर सकती है। यह लिवर की सूजन और लिवर की बीमारी का कारण भी बन सकती है।
धूम्रपान करने वालों के निकट एक घंटा रहना भी किशोरों के लिए काफी नुकसानदेह साबित हो जाता है। उन्हें सांस लेने और व्यायाम करने में दिक्कत हो सकती है। स्मोकिंग करने वाले लोग स्मोकिंग के लिए अपनी सेहत और आर्थिक स्थिति को भी दांव पर लगा रहे हैं। सुश्री सोनिका वर्मा द्वारा तम्बाकू व ड्रग से होने वाले नुकसान को बताते हुए उपस्थित बंदियों से इस धूम्रपान को छोड़कर एक अच्छा नागरिक बनने की अपील की गई।
विधिक साक्षरता शिविर के उपरान्त जिला कारागार चिकित्सालय के निरीक्षण दौरान पाया गया कि इस चिकित्सालय में 51 बंदी मरीजों का ईलाज किया जा रहा है। जिन्हें 3 अलग-अलग बैरकों में रखा गया है। सभी बंदी मरीजों से पृथक-पृथक वार्ता की गई व सभी के स्वास्थ व ईलाज के बारे में चिकित्सक डा० उपेन्द्र सालंकी से जानकारी ली गई। भीषण गर्मी से बचने हेतु इस चिकित्सालय में बंदी मरीजों के लिए कूलर व पंखे लगे हुए पाये गये, जोकि चालू अवस्था में थे। मनोरंजन हेतु एक टी.वी. लगा है। जोकि निरीक्षण दौरान बंद था स्वच्छ पानी हेतु एक आर.ओ. लगा पाया गया। बंदी मरीजों की समस्याओं को सुना गया तथा उनके निराकरण हेतु जेल चिकित्सक व जेल प्रशासन को आवश्यक दिशानिर्देश दिये गये।
पाकशाला का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण दौरान कुछ बंदी सायं के भोजन बनाने की तैयारी कर रहे थे। एक बड़ी मशीन द्वारा रोटियां सेकी जा रही थी। पाकशाला में साफ-सफाई पाई गई। महिला एवं पुरूष बंदियों को आज सुबह नाश्ते में चाय साबुत चना व गुड़ दिया गया था तथा दोपहर के भोजन में चना की दाल, आलू पालक की सब्जी व रोटी दी गई। सांयकाल के भोजन में रोटी, साबुत मसूड़ की दाल, मूली की सब्जी दी जायेगी। पाकशाला में दाल पकाने की तथा चावल वॉयल करने की नवीन मशीनें लगी पाई गई।
बैरक संख्या 16 का निरीक्षण किया गया जिसमें अल्पवयस्क बंदियों को रखा गया है। इस बैरक में निरुद्ध बंदियों से वार्ता की गई तथा उनकी समस्याओं को सुना गया। गर्मी से बचने हेतु पंखे लगे पाये गये जोकि चालू अवस्था में थे। इस बैरक में कुछ पंखे लगे नहीं पाये गये, जिसके सम्बंध में बताया गया कि ठीक होने के लिए गये हुए है। गर्मी में बंदियों के लिए ठण्डे पानी हेतु बैरकों में मिट्टी के मटके रखवाये गये हैं तथा दानदाता के माध्यम से 4 आर.ओ. वाटर कूलर बैरकों में लगवाये गये हैं।
निरीक्षण व विधिक साक्षरता शिविर में उपस्थित बंदियों से निशुल्क विधिक सहायता हेतु अधिवक्ता के सम्बंध में जानकारी ली गई। बदियों द्वारा बताया गया कि सभी के पास उनके व्यक्तिगत सरकारी अधिवक्ता मौजूद हैं बंदियों द्वारा खाने-पीने की कोई समस्या होना नहीं बताया गया। जिला कारागार में साफ-सफाई पाई गई।