फतेहपुर: बारिश के जलभराव से शहर की गलियों से लेकर मुख्य मार्ग तक तालाब में तब्दील हो गए हैं। ऐसे में एक ओर लोग जहां अपने घरों में कैद होने को मजबूर हैं तो वहीं जनजीवन भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
कहने को तो नगर पालिका है, लेकिन बदहाली गांव जैसी है। शहर की गलियों से लेकर मुख्य मार्ग तक पानी ही पानी दिख रहा है। शहर के बिगड़े हालात पर नगर पालिका की ओर से कोई कुछ बोलना नहीं चाहता है। या यूं कहें नगर पालिका अपने किए-कराए पर मौन सहमति जता रहे हैं।
रेल बाजार क्षेत्र में भरा पानी
शहर के वार्ड नम्बर सात रेल बाजार क्षेत्र में लोगों के घर के आसपास इस तरह पानी भरा है, जैसे वहां पर कोई तालाब हो। यहां से स्थानीय लोग अपने घर से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। ऐसे में जरूरत की चीजों के लिए घुटने तक पानी में घुस कर निकलना होता है, जिससे न चाहते हुए भी घर में बीमारियों को लाने की संभावना बनी है।
यही हाल शहर के बिंदकी बस स्टैंड के पास का है। यहां से नगर पालिका कार्यालय महज 200 मीटर की दूरी पर है, लेकिन यहां पर भी सड़क के ऊपर बारिस के पानी का भराव साफ देखा जा सकता है। इसी बारिश के पानी से पैदल, बाइक सवार और अन्य वाहनों का आना-जाना है।
इन जगहों पर भी भरा पानी
पथरकटा मार्ग से लेकर रानी कॉलोनी, झाऊपुर, राधानगर पश्चिम नयी बस्ती सहित कई स्थानों में जलभराव होने से पानी ठहर गया। मार्गों के किनारे ही नालियां भी बनी हैं, जिनसे घरों का पानी बहकर आता है। ऐसे में बारिश के पानी से सीवर का पानी मिलकर मार्गों के ऊपर से बहने लगा। बेहतर जल निकास न होने से पूरा शहर तालाब में तब्दील हो गया।
स्थानीय निवासियों में नाराजगी
रेल बाजार के रहने वाले सुरेश चंद्र और राजू यादव ने बताया कि, सारी नेतागिरी वोट लेने तक होती है। इसके बाद किसी को कोई चिंता नहीं होती। लोग कैसे जी रहे हैं और कैसे रह रहे हैं यह देखने वाला कोई नहीं है। अभी चुनाव का टाइम होता तो हर तरह के नेता और उनके चमचे दिखाई देते।
सुरेश चंद्र ने सवाल उठाते हुए कहा कि, वार्डों के विकास और नाली सफाई के लिए आने वाला बजट कहां गया? यह किसी को नहीं पता। कुछ पूछने पर विपक्षी होने का आरोप लग जाता है। कुल मिलाकर सरकारी बजट कहां जा रहा है? इसे मत पूछिए, बाकी जो हो रहा है उसमें चुपचाप अपनी मौन सहमति देते रहिए।
सरकारी कार्यालय में भी जलभराव
बारिश के पानी का निकास न होने के कारण सरकारी कार्यालय में भी अफरा-तफरी बनी रही। जिला पूर्ति कार्यालय में मुख्य द्वार से लेकर परिसर में बारिश का पानी भरा रहा। जिससे यहां आने वाले अधिकारी, कर्मचारी और आम लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
बीमारियों का खतरा बढ़ा
शहर के तमाम क्षेत्रों में जल भराव होने से मच्छर जनित बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। यह मौसम भी डेंगू, मलेरिया और फाइलेरिया जैसी बीमारियों के लिए खतरनाक माना जाता है। ऐसे में कोई बीमारी फैले उसके पहले ही जल भराव से निपटना होगा, नहीं तो स्थिति विकट हो सकती है।
जवाब तो देना होगा
मामले पर जब अधिशासी अधिकारी मीरा सिंह से बात करने का प्रयास किया गया तो पता चला कि वह मीटिंग में हैं। फोन से संपर्क करने पर उसे भी व्यस्त कर दिया गया। तीसरे माध्यम से जानकारी करने पर भी नगर पालिका की ओर से मौन धारण किया गया। इन सबके बीच नगर पालिका परिषद फतेहपुर को भारत खबर के सवाल का जवाब तो देना होगा।