एपेडेमिक इंटेलिजेंस सर्विस के अंतर्गत चयनित चिकित्साअधिकारी के संबंध में शिकायत पत्र जारी किया गया है। जिसमें Epedimic Intelligence Service प्रोग्राम में यूपी के डॉक्टर्स को क्यों नहीं भेजा जा रहा है इसको लेकर शिकायत पत्र लिखा गया है।
इस पत्र में लिखी गयी कुछ बातें जो काफी महत्वपूर्ण हैं।
शिक्षण अवधि के दौरान वेतन और भत्ता राज्य सरकार दा्रा दिया जायेगा
इस प्रशिक्षण हेतु चिकित्सा आधिकारी डेपुटेशन पर भेजे जायेंगे, प्रशिक्षण हेतु भेजे जाने वाले चिकित्सा आधिकारीयों का लियन सेवा में यथावदत बना रहेगा, इन अधिकारियों को इस प्रशिक्षण अवधि के दौरान वेतन और भत्ता राज्य सरकार दा्रा दिया जायेगा।
उपस्थिति का सत्यापन निर्देशक एन0 सी0डी0 सी को देना होगा
प्रशिक्षण हेतु भेजे जा रहे सभी चिकित्सा आधिकारी अपने महीने की उपस्थिति का सत्यापन निर्देशक एन0 सी0डी0 सी के निर्देशक संचारी रोग यूपी और अपने जनपदों के मुख्य चिकित्सा आधिकारी या फिर चिकित्सा अध्यक्ष को उपल्बध करायेंगे।
प्रशिक्षण पूरा होने के बाद सभी चिकित्सा आधिकारी स्वास्थय सेवा महानिदेशालय लखनऊ राज्य मुख्यालय पर योगदान देंगे।
इस प्रशिक्षण हेतु भेजे जा रहे चिकित्सा आधिकारी प्रशिक्षण के दौरान न्यूनतम पांच साल तक इस प्रशिक्षण से प्राप्त दक्षता से संबधित काम संपादन राज्य में करेंगे।
पांच साल से पहले प्रशिक्षण छोड़ने पर होगी ये कार्यवाही
यदि प्रशिक्षण प्राप्त करने के दौरान कोई चिकित्सा आधिकारी पांच साल से पहले प्रशिक्षण छोड़ता है तो उसे पूरा वेतन भते सहित वापस करना होगा।
अब इस पर क्या कार्यवाही होती है ये देखना होगा ।